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PATNA : पटना में इस साल दुर्गा पूजा पर महंगाई भारी पड़ रही है। महंगाई की वजह से पंडालों के संचालकों से लेकर आमलोगों का बजट बिगड़ गया है। मूर्ति से लेकर पूजा के सभी सामान पिछली बार की तुलना में महंगे दाम में बेचे जा रहे हैं। इस बार सबसे ज्यादा मूर्तियों की कीमतें बढ़ी हैं। इसका कारण गंगा में खनन पर रोक है। खनन पर रोक लगने की वजह से मूर्तिकारों को मजबूरी में पटना से काफी दूर हाजीपुर और उसके आसपास से महंगी मिट्टी खरीदनी पड़ रही है। मिट्टी महंगी होने की वजह से मूर्तियों की कीमत पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुनी हो गई है। गौरतलब है कि पटना में सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े पंडालों में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा सहित कई देवी और देवताओं की मूर्तियां विराजमान होती हैं।

3 गुनी बढ़ी मिट्टी की कीमत

बाजार समिति के मूर्तिकार अनुपम बनर्जी ने बताया कि गंगा से बालू खनन पर रोक के बाद पटना में मिट्टी निकालना आसान नहीं रहा। 24 सौ प्रति ट्रैक्टर बालू वाली मिट्टी की कीमत इस वर्ष 7 हजार रुपए हो गई है। इतना ही नहीं मिट्टी निकालने के बाद स्थानीय लोग भी रंगदारी टैक्स के तौर पर चार से पांच सौ रुपए प्रति ट्रैक्टर वसूलते हैं। ।

हाजीपुर से ला रहे मिट्टी

मूर्तिकार विनोद सुमन ने बताया कि पहले पटना में ही गंगा की मिट्टी आसानी से मिल जाती थी। अब गंगा में खनन पर रोक लगी हुई है। हाजीपुर और उसके आसपास के इलाकों से मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी लानी पड़ रही है।

मूर्तियों में प्रयोग होने वाले कलर और साज सज्जा के सामान भी काफी महंगे हो गए हैं। मूर्तिकारों ने बताया कि इस बार सामान कुछ ज्यादा ही महंगे हो गए हैं। जब मूर्तियों की पूरी कीमत का हिसाब लगाया गया तब पता चला कि महंगाई पिछले वर्ष की तुलना में कितनी बढ़ी है। महंगाई की वजह से इस बार मूर्तियों की डिमांड भी कम हो गई है। कुर्जी के एक मूर्तिकार ने बताया कि नवरात्रि के दौरान कई लोग अपने घरों में भी मूर्ति स्थापित करते हैं। लोग मूर्तियों के दाम पूछकर ही चले जाते हैं। इस साल कमाई कम होने की उम्मीद है।

Posted By: Inextlive