अगर आप अपने बच्चे को एंटी हीमोफीलिया का इंजेक्शन लगवाने जा रहे हैं तो जरा अलर्ट रहें.


क्योंकि हो सकता है कि वो आपके बच्चे के लिए मुसीबत बन जाए। पिछले दिनों हैलट के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में एंटी हीमोफीलिया के इंजेक्शन के रिएक्शन से 5 बच्चों की जान पर बन आयी थी। उनमें से एक पेशेंट की कंडीशन इतनी बिगड़ गयी कि फैमिली मेंबर्स को उसे लेकर लखनऊ जाना पड़ा.

Complaint मिली है

हीमोफीलिया सेंटर इंचार्ज डॉ। अरुण आर्या ने बताया कि नेशनल कंपनी का एंटी हीमोफीलिया इंजेक्शन पेशेंट्स को रिएक्शन कर रहा है। उन्होंने प्रिंसिपल से इस फैक्टर की कंपलेंट की है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आनंद स्वरूप ने कहा कि हैलट के पीडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट में हीमोफीलिया के पेशेंट्स के लिए कोई ऑल्टरनेट मेडिसिन की व्यवस्था नहीं है। पहली लाट में जो इंजेक्शन आए थे, वह ठीक थे। दूसरी लाट में कुछ प्रॉब्लम आयी है। इसे वापस कराया जाएगा।

मिले 65 लाख

हीमोफीलिया से पीडि़त बच्चों के लिए हाई कोर्ट के दखल के बाद इयर 2009 में स्टेट के सभी मेडिकल कॉलेज में सेंटर बनाए गए थे। जिसकी फंडिंग स्टेट गवर्नमेंट अलग से करती है। इस बार जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज शासन से हीमोफीलिया के इंजेक्शन के लिए 65 लाख रुपए ले चुका है.

Posted By: Inextlive