Jamshedpur: सालों से आप स्टेम सेल और बड़ी-बड़ी बीमारियों के ट्रीटमेंट में इसके इस्तेमाल के बारे में सुनते आ रहे हैं. स्टेम सेल थेरेपी सालों तक आम लोगों के लिए एक बेहद टेक्निकल और हैरान कर देने वाली बात रही हो पर अब ऐसी बात नहीं. मेट्रो सिटीज के साथ-साथ छोटे शहरों में भी स्टेम सेल थेरेपी के प्रति लोगों में अवेयरनेस तेजी से फैल रहा है. जमशेदपुर में भी अच्छी-खासी संख्या में पैरेंट्स अपने न्यू बॉर्न बेबीज के स्टेम सेल प्रीजर्व करवा रहे है ताकि वे अपने बच्चों को हेल्थ से जुड़ी परेशानियों से बचा सकें.

बढ़ रही है ऐसे लोगों की संख्या
मेडिकल जर्नल्स से बाहर निकलकर स्टेम सेल थेरेपी की बाते अब लोगों के घरों तक पहुंचने लगी हैं। सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि जमशेदपुर जैसी सिटीज में भी लोगों के लिए एक दूर की बात ना होकर एक हकीकत बन रही है। स्टेम सेल के कलेक्शन, प्रॉसेसिंग और बैंकिंग का काम करने वाली क्रायोबैंक्स इंडिया के एरिया सेल्स मैनेजर एसके श्रीवास्तव ने बताया कि सिटी के लोगों में स्टेम सेल प्रीजर्वेशन को लेकर अवेयरनेस काफी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपने बच्चों के स्टेम सेल प्रीजर्वेशन के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सिटी से हर महीनें करीब 10 स्टेम सेल कलेक्ट किए जाते हैं।

Cord tissue और cord blood का होता है collection
बच्चे के पैदा होने पर अम्बिलिकल कॉर्ड काटे जाने के बाद प्लेसेंटा के ब्लड वेसल में मौजूद ब्लड को प्रीजर्व किया जाता है। इसके अलावा कॉर्ड टिश्यू को भी सेव किया जाता है। इनका यूज स्टेम सेल डेवलप करने के लिए किया जाता है। सिटी में स्टेम सेल कलेक्शन की फैसिलिटी प्रोवाइड करा रहे क्रायोबैंक्स इंडिया के एएसएम एसके श्रीवास्तव ने बताया कि स्टेम सेल प्रीजर्व कराने के लिए इंट्रेस्टेड लोगों का रजिस्ट्रेशन कर उन्हें एक किट प्रोवाइड कराया जाता है। डिलीवरी के वक्त कॉर्ड ब्लड या टिश्यू को उस किट में सुरक्षित रखा जाता है। बाद में इसे हार्वेस्टिंग और बैंकिंग के लिए गुडग़ांव भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि सिटी के एपेक्स हॉस्पिटल, स्टील सिटी नर्सिंग होम सहित कई हॉस्पिटल्स में डिलीवरी के दौरान स्टेम सेल कलेक्ट किए जाते हैं।

EMI की भी मिलती है facility
स्टेम सेल्स को 21 सालों तक प्रीजर्व करने के लिए 75 हजार रुपए फीस ली जा रही है। हालांकि कोई एक बार में पैसे देना ना चाहे तो उनके लिए ईएमआई की फैसिलिटी भी प्रोवाइड कराई जा रही है। एस के श्रीवास्तव ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए दो साल तक 34 सौ रुपए के ईएमआई की व्यवस्था की गई है। 21 सालों के बाद अगर कोई चाहे तो इस सर्विस को रिन्यू किया जा सकता है। वहीं अगर कोई ऐसा ना चाहे तो स्टेम सेल के डिस्ट्रॉय कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि लोग चाहें तो इसे डोनेट भी कर सकते हैं।

कई बीमारियों का है इलाज
स्टेम सेल का इस्तेमाल 80 से ज्यादा लाइलाज बीमारियों के ट्रीटमेंट में किया जाता है। कॉर्ड ब्लड ट्रांसप्लांट के जरिए कई तरह ब्लड और इम्यून सिस्टम डिजीज के साथ-साथ जेनेटिक और मेटाबॉलिक डिजीज को ठीक किया जा सकता है। स्टेम सेल के इस्तेमाल से कैंसर, सिकल सेल डिजीज, थैलिसिमिया जैसी बीमारियों का इलाज भी संभव है। वही कॉर्ड टिश्यू स्टेम सेल्स का भी रिजेनेरेटिव मेडिसीन के तौर पर इस्तेमाल के लिए कई स्टडीज की जा रही हैं।

'स्टेम सेल प्रीजर्वेशन को लेकर लोगों में अवेयरनेस बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह लोगों में अपने बच्चों के हेल्थ के प्रति बढ़ रहा कांससनेस है। सेल प्रीजर्व करवाने का ट्रेंड अब छोटे शहरों तक भी पहुंच रहा है। जमशेदपुर से भी हर महीने करीब 10 स्टेम सेल कलेक्ट किए जाते हैं.'

-एस के श्रीवास्तव, एएसएम, क्रायोबैंक्स इंडिया    

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in

Posted By: Inextlive