MEERUT : डोपिंग का जिन्न एक बार फिर बंद बोतल से बाहर निकल आया है. जाहिर है नाडा डोप टेस्ट में फेल हुए चारो एथलीटों पर अब कार्रवाई करेगी.

इनके खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा और न चाहते हुए भी उनके करियर का दुखद अंत हो जाएगा। डोपिंग का ये मकडज़ाल स्टेडियम में कदम रखने वाले खिलाडिय़ों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। असल में डोपिंग की शुरुआत जिला स्तर और स्कूल लेवल से ही होती है। आप कभी भी कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम चले जाएं, कोने-कोने में खाली सीरिंज और इंजेक्शन मिल जाएंगे।
सीरिंज की भरमार
स्टेडियम में गुरुवार को हमने हर कोना छान मारा। जगह-जगह खाली सीरिंज और इंजेक्शन की भरमार है। स्टेडियम आने वाले खिलाड़ी अपने बैग में सीरिंज और इंजेक्शन लाते हैं और अपना स्टेमिना बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। हो सकता है खिलाडिय़ों ने इनका इस्तेमाल स्टेडियम में चल रहे स्पोट्र्स हॉस्टल के लिए ट्रायल में पास होने के लिए किया हो।
डोप टेस्ट क्यों नहीं
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी इकाई यानि नाडा हर राष्ट्रीय प्रतियोगिता से पहले खिलाडिय़ों का डोप टेस्ट लेती है। सवाल ये है कि प्रदेश और जिला स्तर की एसोसिएशन कोई भी प्रतियोगिता के दौरान डोप टेस्ट की व्यवस्था क्यों नहीं करती है। जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में डोप टेस्ट नहीं होता। यहां तक की ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता तक में डोप टेस्ट की व्यवस्था नहीं है।
जानबूझकर ड्रग्स
करियर में शानदार प्रदर्शन करके देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने की चाह भला किसे नहीं होगी। जानकर ताज्जुब होगा, नौकरी पाने के लिए खेलने वाले खिलाड़ी ही ऐसा करते हैं। पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ, आर्मी में नौकरी पाना जिनका लक्ष्य होता है, वही जिला स्तर, राज्य स्तर पर डोपिंग का षडय़ंत्र रचते हैं और जहां डोप टेस्ट हो रहा हो, ऐसी प्रतियोगिता में ये भाग ही नहीं लेते हैं।

और फंसते हैं
दरअसल, वाडा और नाडा ने कई ऐसे ड्रग्स पर बैन लगा रखा है, जिनसे स्टेमिना बढ़ता है। ऐसे में कई बार खिलाड़ी किसी प्रोटीन सप्लीमेंट का बिना पूछे इस्तेमाल कर लेते हैं। बुखार की दवाई, खांसी के सीरप यहां तक की किसी भी दवाई में वाडा और नाडा द्वारा प्रतिबंधित किए हुए कण पाए जा सकते हैं। ये दवाई बेशक खिलाड़ी जानबूझकर लेता है, लेकिन डोपिंग के डंक में वो अंजाने में फंस जाते हैं।

इन खेलों में अधिक डोपिंग
डोपिंग के मामले अधिकतर कुछ ही खेलों में देखने को आते हैं। डोपिंग स्टेमिना वाले खेलों में अधिक होती है। कुश्ती, बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिंग, एथलेटिक्स, जूडो, बैडमिंटन, स्वीमिंग जैसे खेलों में डोपिंग अधिक होती है।
मैं पूरी कोशिश करता हूं कि खिलाड़ी ऐसा न करें। जो करियर बनाने के लिए खेलते हैं वो कभी ऐसा काम नहीं करते।
बीके वाजपेयी, एथलेटिक्स कोच

खिलाड़ी ऐसा अपना स्टेमिना बढ़ाने के लिए करते हैं। हम तो खिलाडिय़ों को कोई भी दवाई लेने से मना करते हैं।
राजेश सिंह, कुश्ती कोच

डोपिंग का जाल बहुत बुरा है। खिलाड़ी संगत में आकर इसमें फंसते हैं। वहीं कई बड़े खिलाड़ी सिर्फ अंजाने में इसका शिकार होते हैं।
अभिषेक कुमार, बॉक्सिंग कोच

अब तो नाडा हर सेंटर पर छापा डाल सकती है। एजेंसी कुछ साइंस के बच्चें भी तैयार कर रही है। तब हो सकता है जिला स्तर पर भी डोप टेस्ट हो।
राजाराम, सचिव जिला एथलेटिक्स संघ

हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में डोपिंग को लेकर हमनें सेमीनार भी आयोजित कराया। लेकिन अब जरूरत है कि स्टेडियम में पहला कदम रखने वाले खिलाडिय़ों को भी डोपिंग के नुकसान की पूरी जानकारी हो।
पीके श्रीवास्वत, सचिव उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन

बड़े खिलाड़ी इंवाल्व रहते हैं डोप में। नए खिलाड़ी को नहीं पता होता, उसे क्या खाना है। बड़े खिलाडिय़ों की गलत संगत में पडक़र ही खिलाड़ी डोपिंग की गिरफ्त में आते हैं।
अनु कुमार, टेक्नीकल कमेटी मेंबर, यूपीएए

प्लीज, देश के खातिर मत कीजिए डोपिंग
MEERUT : हम ये नहीं कह रहे हैं कि आप खेलना छोड़ दें। हम ये भी नहीं कह रहे हैं कि आप दर्द की चुभन से परेशान होते रहें और कोई दवा ही न लें। लेकिन जरूरी है दवा लेते समय इनके बारे में पूरी जानकारी की। नहीं तो किसी भी दवा में मौजूद वाडा के प्रतिबंधित तत्व आपको डोपिंग के जाल में फांस सकते हैं। जो लोग जानबूझकर अपना स्टेमिना बढ़ाने के लिए डोपिंग की दलदल में फंस रहे हैं, उन्हें भी अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए और डोपिंग से दूर हो जाना चाहिए।
बुरी संगत में न पड़ें
एक नया खिलाड़ी जब स्टेडियम में कदम रखता है, तो उसे डोपिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती, लेकिन जब उसका साथी किसी सीनियर खिलाड़ी  की संगत में रहकर, कोई सप्लीमेंट लेकर अच्छा  परफोर्मेंस करने लगता है तो अपने साथी खिलाड़ी या अपने सीनियर की संगत में पडक़र वो भी डोपिंग के जाल में फंस जाता है। इसीलिए जो खिलाड़ी डोपिंग कर रहे हैं उन्हें भी ऐसा करने से रोकना चाहिए।
बिना जानकारी दवा न खाएं
ये हकीकत है कि बुखार की एक साधारण सी दवा भी आपको जाने अंजाने में डोपिंग में फंसा सकती है। इसीलिए दवा बिना जानकारी के कभी नहीं खानी चाहिए। वहीं लोकल सप्लीमेंट का भी कम इस्तेमाल करना चाहिए। बड़े लेवल तक अगर आपको इसकी आदत पड़ गई तो भी आप डोपिंग में फंस जाएंगे।
पौष्टिक आहार क्यों नहीं
जरूरी नहीं है कि खेल में स्टेमिना बढ़ाने के लिए इंजेक्शन लगाना ही जरूरी है। आप पौष्टिक आहर से भी स्टेमिना बढ़ा सकते हैं। कौन सा पौष्टिक आहार बेहतर रहेगा इसके लिए आप अपने कोच या फिर डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
क्या है प्रतिबंधित पदार्थ
- अगर आप डायजेशन को बढ़ाने के लिए किसी चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं
- पेपटाइड हार्मोंस के लिए अगर किसी पदार्थ का इस्तेमाल किया गया है।
- शरीर में स्टेमिना की वृद्धि से जुड़े तत्वों का इस्तेमाल या इससे जुड़े पदार्थो का इस्तेमाल
- हार्मोंस विरोधी किसी भी प्रकार के पदार्थ का इस्तेमाल
- मूत्रवर्धक पदार्थ का  इस्तेमाल
क्या हैं प्रतिबंधित तरीके
- आक्सीजन तब्दीली में वृद्धि की गई हो
- रसायनिक व शारीरिक चालबाजी
-  नशीली दवा का सेवन अनुवांशिक होना
प्रतियोगिता के समय प्रतिबंधित
- शक्तिवर्धक
- नशीली दवा
-  अधिक जानकारी के लिए आप वल्र्ड एंटी डोपिंग एजेंसी व राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive