-पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आईपीडीएस की बनारस में बिगड़ी हालत

-सेकेंड फेज के तहत सारनाथ में चल रहा काम हुआ सुस्त, बजट होने के बाद भी काम में हीलाहवाली

पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) की हालत बनारस में बिगड़ने लगी है। सिटी को वायर फ्री बनाने यानि शहर को बिजली के लटकते तारों के जंजाल से मुक्त कराने के लिए तीन साल पहले शुरू कराए गए इस प्रोजेक्ट का काम पूरा होने से पहले ही अधर में लटक गया है। आईपीडीएस वर्क करा रही कंपनी पावरग्रिड ने पुरानी काशी क्षेत्र में प्रस्तावित काम तो पूरा करा लिया है, लेकिन इससे लगायत अदर एरिया में इस वर्क की अब तक शुरुआत ही नहीं हो पाई है। जबकि इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से धनराशि भी अवमुक्त की जा चुकी है।

सितंबर 2015 में हुआ था लांच

572 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को सितंबर 2015 में पीएम मोदी ने खुद लांच किया था। उस दौरान आईपीडीएस वर्क को तीन फेज में पूरा करने का प्लान तैयार किया गया था। साल 2016 में पहले फेज के काम की शुरुआत की गई, जिसमें पुरानी काशी क्षेत्र के एरिया में बिजली के लटकते तारों के जंजाल को खत्म कर यहां प्रस्तावित काम को मार्च 2018 तक पूरा करा लिया गया। लेकिन इस बीच सारनाथ क्षेत्र में शुरू किया गया कार्य अब तक अधूरा ही है। सूत्रों का कहना है कि पहले फेज का काम जितनी तेज रफ्तार से हुआ, दूसरे फेज का काम उतना ही स्लो है।

अधिकारियों को नहीं पता फेज 2

आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इस प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों को यह नहीं पता कि कौन सा काम फ‌र्स्ट फेज में हुआ और कौन सा सेकेंड फेज में होना है। आईपीडीएस बनारस के नोडल ऑफिसर एके श्रीवास्तव का कहना है कि सारा काम एक ही फेज में होना है। पुरानी काशी क्षेत्र के अलावा इसके आसपास के एरिया में भी आईपीडीएस वर्क होना है। वहीं पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारी का कहना है कि सारनाथ और बौद्ध पर्यटन स्थल का काम सेकेंड फेज के तहत ही हो रहा है।

आईपीडीएस फेज 1

पुरानी काशी क्षेत्र में 16 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में बिजली के लटकते तारों को अंडरग्राउंड करने का काम होना था, जिसे पूरा कर लिया गया है। इस काम पर 432 करोड़ रुपए खर्च किया गया।

आईपीडीएस फेज 2

-सारनाथ और बौद्ध पर्यटन स्थल क्षेत्र में 123 किमी एरिया में हैंगिंग वायर को अंडरग्राउंड करना है। ओवरहेड तारों का जंजाल हटाने के लिए 139 करोड़ खर्च होना है।

अदर फेज

इस फेज के तहत पुरानी काशी क्षेत्र में उन जगहों पर काम होना है, जहां आईपीडीएस वर्क नहीं हुआ है। इस पर 60 करोड़ रुपए खर्च होना है।

ये होना है

इस योजना में सब सेंटर पर इलेक्ट्रिकल असेट के लिए अपग्रेडेशन, लाइंस-डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर, कैपेसिटी बढ़ाना और पुराने सब स्टेशन का फिर से निर्माण शामिल है।

ये होगा फायदा

-आईपीडीएस एटीएंडसी लॉसेस को कम करने में करेगा मदद

-तारों के जाल से मिलेगी निजात

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सारनाथ क्षेत्र में सेकेंड फेज का चल रहा काम करीब करीब पूरा हो चला है। बजट की कमी नहीं है। जल्द ही बचे काम पूरे करा लिए जाएंगे।

आरडी सिंह, एसई पीवीवीएनएल

सभी काम एक ही फेज में हो रहे हैं। अदर फेज के लिए टेंडर जारी किया गया है। एजेंसी नियुक्त होते ही पुरानी काशी क्षेत्र के अदर एरिया में काम शुरू कराया जाएगा।

एके श्रीवास्तव, चीफ इंजीनियर, आईपीडीएस वाराणसी

Posted By: Inextlive