-भारत की शिक्षा का संकट- विकल्प की रणनीति विषय पर हुआ सेमिनार

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क्कन्ञ्जहृन्: आज उच्च शिक्षा खतरे में है। उच्च शिक्षा संस्थानों पर राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ रहा है। रिसर्च संस्थाएं साक्ष्य आधारित सत्य को समाप्त कर रही हैं। हायर एडुकेशन कमिशन आफ इण्डिया में सरकारी हस्तेक्षप को बढ़ावा देगा। इसके ऊपर एक सलाहकार मंडल होगा। यह शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में चलाया जाएगा। ये बातें नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एमेरिटस प्रोफ़ेसर प्रभात पटनायक ने कही। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक रूप से थोपा हुआ तर्क शिक्षा को नियंत्रित करने कि कोशिश कर रहा हैं। यह मौका था एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के सभागार में आयोजित नेशनल सेमिनार का। इसका विषय था- 'भारत की शिक्षा का संकट- विकल्प की रणनीति'। इस मौके पर देश भर के शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने भी अपने विचार रखे।

तर्क पर हो रहा हमला

प्रो प्रभात पटनायक ने कहा कि विश्वविद्यालयों में नियमित शिक्षकों की कमी है, अतिथि शिक्षकों से काम चल रहा है। वे भी पर्याप्त नहीं हैं। आज तर्क आधारित बहस पर हमला हो रहा है। इस पद्धति की मुख्य बात है कि साक्ष्य सत्य तक पहुंचने का मुख्य जरिया रहता है, आज सत्य तक पहुंचने की पद्धति पर ही हमला हो रहा है। इन्हीं वजहों से विज्ञान और मिथक में फर्क नहीं रह गया है।

छह परसेंट को नहीं किया लागू

वारंगल तेलंगाना के डॉ गंगाधर ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार शिक्षा के पाठ्यक्रम में हिंदुत्व आधारित असमान, शिक्षा जो गरीबों के खिलाफ काम करती है। कोठारी कमीशन द्वारा सुझाए गए शिक्षा में जीडीपी का छह प्रतिशत खर्च को किसी ने अब तक लागू नहीं किया है। अनिल सदगोपाल, शाहिद कमाल, अरुण मिश्रा, अशोक सिन्हा, अनुज लुगुन व योगेश प्रताप शेखर मौजूद थे।

Posted By: Inextlive