पेट डॉग के ओनर ने दी हजरतगंज थाने में तहरीर। दो माह के जर्मन शेफर्ड ब्रीड के डॉग को गेट के अंदर से उठा ले गए स्ट्रीट डॉग। स्ट्रीट डॉग्स से वहां रहने वाली फैमिली दहशत में मांगी मदद।

LUCKNOW सीतापुर में स्ट्रीट डॉग के हमले में हुई बच्चों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि राजधानी के हजरतगंज इलाके में स्ट्रीट डॉग के खिलाफ हत्या करने की शिकायत की गई है। इस बार स्ट्रीट डॉग्स ने जर्मन शेपर्ड ब्रीड के डॉग को मौत के घाट उतार दिया। दो माह के पपी कैस्पर पर स्ट्रीट डॉग्स ने मकान के भीतर दाखिल होकर हमला किया और जबड़े से उसकी बैक बोन तोड़ दी। इससे पहले स्ट्रीट डॉग्स ने कई पेट्स की जान ले चुके हैं। डॉग ऑनर ने इसकी शिकायत हजरतगंज पुलिस से की है।

 

गेट के भीतर दाखिल होकर किया हमला

हजरतगंज के सप्रू मार्ग में रहने वाली अर्पिता दुबे शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में टीचर हैं। उन्होंने हजरतगंज पुलिस से लिखित शिकायत की है कि 12 मई को जर्मन शेपर्ड ब्रीड के उनके डॉग 'कैस्पर' की घर में दाखिल होकर दो स्ट्रीट डॉग ने हमलाकर जान ले ली। कैस्पर की उम्र मात्र दो माह थी। अर्पिता उसे अप्रैल माह में घर लेकर आई थी। उन्होंने बताया कि 12 मई की शाम 5.30 बजे उन्होंने कैस्पर को मेन गेट के पास बांधा था। अचानक दो स्ट्रीट डॉग्स गेट के अंदर आए और उन्होंने कैस्पर पर हमला कर दिया। अपने खूंखार जबड़े से कैस्पर की बैन बोन तोड़ दी जिससे उसकी मौत हो गई।

 

पहले भी ले चुके है कई जानवरों की जान

अर्पिता ने हजरतगंज थाने में तहरीर देकर स्ट्रीट डॉग और उनके पड़ोस में रहने वाले कर्मचारी गुड्डू मिश्र व उसकी पत्नी मंजू पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि गुड्डू स्ट्रीट डॉग्स को शरण देता हैं। जिसके चलते वहां आने वाले लोगों के लिए स्ट्रीट डॉग्स खतरा बने हुए हैं। इससे पहले भी स्ट्रीट डॉग्स ने कई पैट एनीमल की जान ली है और आस-पास छोटे-छोटे बच्चे रहते है। जिनके लिए डॉग खतरा बने हैं।

 

हजरतगंज पुलिस से कार्रवाई की मांग

स्कूल टीचर अर्पिता ने हजरतगंज पुलिस से लिखित शिकायत की है। उन्होंने स्ट्रीट डॉग और उन्हें शरण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तहरीर मिलने के बाद अब वह इस पशोपेश में फंसी है कि वह किस धारा में कार्रवाई करे। हजरतगंज इंस्पेक्टर आनंद शाही ने बताया कि इस मामले में तहरीर मिली है। तहरीर के आधार पर नगर निगम से स्ट्रीट डॉग को पकड़ने के लिए मदद मांगी गई है।


सबका चहेता था 'कैस्पर'

स्कूल टीचर अर्पिता ने बताया कि कैस्पर को वह अप्रैल माह में घर लेकर आई थी। पप्पी से पूरी फैमिली को बहुत लगाव था और बच्चे उसके साथ खेलते थे। इससे पहले भी उनके घर में पैट डॉग रहे है, लेकिन कैस्पर को लेकर फैमिली के बच्चे बहुत ही उत्साहित थे। उनकी मौत से पूरी फैमिली दुखी है।

Posted By: Inextlive