फैक्ट फीगर

-22407 स्ट्रीट लाइटों की शहर में लगी हैं

-186757 उपभोक्ता शहर में

-24 सब स्टेशनों की संख्या

-पब्लिक से इनडायरेक्ट टैक्स वूसल निगम देता है स्ट्रीट लाइट का बिल

- अगले माह से पोलों पर लगेंगे मीटर, रीडिंग के हिसाब से देना होगा बिल

बरेली : शहर में एक ओर जहां कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट न होने से अंधेरा पसरा रहता है. वहीं कई इलाके ऐसे भी हैं जहां रात के साथ-साथ दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती रहती है. दिन में जलती स्ट्रीट लाइटों को बुझाने की जहमत न तो बिजली विभाग उठाता है और न ही नगर निगम. क्योंकि इसका भुगतान नगर निगम अपनी जेब से नहीं बल्कि कहीं न कहीं आम आदमी से ही टैक्स के रूप में वसूलकर बिजली विभाग को करता है. लेकिन अब पब्लिक को इससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. क्योंकि बिजली विभाग शहर में लगी स्ट्रीट लाइट के पोलों पर मीटर लगवाने जा रहा है.

रीडिंग से होगा भुगतान

शहर की हर 15 स्ट्रीट लाइट के पोलों पर लगे मीटर को एक मेन मीटर से जोड़ा जाएगा. मेन मीटर की रीडिंग के हिसाब से ही निगम से ही बिजली बिल वसूला जाएगा. वहीं पुरानी व्यवस्था की बात करें तो पहले निगम एक मुश्त भुगतान करता था.

साल 2016 में शुरू हुई कवायद

उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन ने वर्ष 2016 में भी स्ट्रीट लाइट पोलों पर मीटर लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन बिजली विभाग मीटर लगाने के लिए कंपनी से करार नहीं कर पाया था, जिस कारण मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई नहीं हो सकी थी.

बिजली विभाग की होगी जिम्मेदारी

बिजली की बर्बादी रोकने के लिए विभाग की ओर से सभी सब स्टेशनों पर तैनात संविदा कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी है कि वह सूरज डूबने के बाद स्ट्रीट लाइटों का स्विच ऑन करेंगे वहीं सुबह छह बजे ही स्विच ऑफ करेंगे. विभागीय निरीक्षण और शिकायत में अगर लाइट दिन में जलती पाई जाती हैं तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वर्जन :

बिजली बर्बादी को रोकने के लिए यूपीपीसीएल के निर्देश पर अब स्ट्रीट लाइटों पर मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. मेन मीटर से 15 स्ट्रीट पोल के मीटरों से जोड़ा जाएगा. मेन मीटर में जितनी रीडिंग आएगी इसके हिसाब से ही निगम से बिल की वसूली की जाएगी.

एनके मिश्र, एसई.

Posted By: Radhika Lala