-पुलिस ऑफिसर और कर्मचारियों के लिए लगी स्ट्रेस मैनेजमेंट का वर्कशाम

-मुम्बई से आए प्रोफेसर इवी स्वामीनाथन ने दिए टिप्स

पुलिस ऑफिसर और कर्मचारियों के लिए लगी स्ट्रेस मैनेजमेंट का वर्कशाम

-मुम्बई से आए प्रोफेसर इवी स्वामीनाथन ने दिए टिप्स

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: खाकी की जॉब बेहद टफ होती है। ऐसे में स्ट्रेस होना लाजिमी है। आईपीएस से लेकर पुलिस कांस्टेबल तक इससे निजात नहीं पा पाते हैं। जॉब का प्रेशर तो रहता ही है, साथ में टाइम मैनेजमेंट न होने के कारण फैमिली की टेंशन प्राब्लम को जस्ट डबल कर देती है। ज्यादातर लोगों के साथ यह कॉमन प्राब्लम है। अगर स्ट्रेस लाइफ का हिस्सा बन जाए तो यकीनन जॉब के दौरान एरिटेशन ज्यादा होगी। पुलिस के लिए इस स्ट्रेस को कम करने के लिए शनिवार को स्पेशल स्ट्रेस मैनेजमेंट का प्रोग्राम आयोजित किया गया। एक घंटे के इस प्रोग्राम में एक्सपर्ट ने पुलिस वालों को कुछ ऐसे टिप्स दिए जिससे वह अपनी लाइफ में स्ट्रेस को कम कर जिन्दगी को पटरी पर ला सकें।

पुलिस को ट्रेनिंग देने के लिए स्पेशल इंतजाम किया गया था। पुलिस लाइंस में सैकड़ों पुलिस वालों को टिप्स देने के लिए मुम्बई से आए प्रोफेसर इवी स्वामीनाथन ने पुलिस वालों को बताया कि वह कैसे स्ट्रेस से दूर रह सकते है। सबसे पहले उन्होंने पुलिस को बताया कि स्ट्रेस के दो कारण हैं। पहला है प्रोफेशनल और दूसरा पर्सनल। प्रोफेशनल मतलब पुलिस की जॉब जहां पर कई प्राब्लम है। जैसे पुलिस वालों की ट्रांसफर का हेडेक, छुट्टी की प्राब्लम और सबसे अहम टाइमिंग। इसके अलावा कई बार क्राइम बढ़ने पर सीनियर की डांट इत्यादि। इसके बाद दूसरा कारण पर्सनल होता है। जिसमें घर की टेंशन, फैमिली में टाइम न देना, बच्चों की पढ़ाई आदि। ये सारी प्राब्लम जो हमें दिखती है वह कारण हैं। अब हमें इसका निवारण देखना है।

यू कैन डू इट

निवारण के बारे में बताते हुए कहा कि हर किसी को प्रोफेशनल लाइफ को पर्सनल लाइफ में शामिल नहीं करना चाहिए। अगर आप जॉब के बाद घर जाते हैं तो वहां पर आपके माइंड में कोई बात नहीं आनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो घर की प्राब्लम और ऑफिस की प्राब्लम दोनों एक साथ होने पर स्ट्रेस को कई गुणा बढ़ा देती है। इस बात पर कई पुलिस वाले भी सहमत हुए और उन्होंने सवाल किया कि ऐसी दशा में कैसे चैन की नींद हम सोएं।

प्रैक्टिकल कराया और बताया

एक्सपर्ट ने बताया कि सोने की चार कटेगरी है। पहला एल्फा, दूसरा बीटा, तीसरा गामा और चौथा थीटा। अगर हम चार मिनट भी गहरी नींद सो लेते हैं तो वह कई घंटे तक रिलैक्स देता है। हो यह रहा है कि हम छह से आठ घंटे तक लेटे रहते हैं लेकिन फिर भी नींद पूरी नहीं नहीं हो पाती। क्योंकि हम सही से सो ही नहीं पाते। ज्यादातर लोग स्ट्रेस में पहले और दूसरे चरण में ही रह जाते हैं। इसके बाद उन्होंने पुलिस लाइंस में ही मेडिटेशन कराया और प्रैक्टिकल कराकर उन्हें फील कराया कि कैसे वह किसी भी पल खुद को रिलैक्स कर सकते हैं। इस दौरान एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय, सीओ एसटीएफ प्रवीण सिंह चौहान, अंडर ट्रेनिंग आईपीएस सचिन्द्र पटेल समेत सैकड़ों पुलिस वाले ट्रेनिंग में शामिल रहे।

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फैक्ट फाइल

-चार मिनट की गहरी नींद भी कई घंटे की देती है राहत

-स्ट्रेस प्राब्लम का असली कारण खुद से जाने

-प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को हमेशा अलग रखें

-ऑफिस का टेंशन घर ले गए तो चैन कहां से मिलेगा

-ट्रांसफर पोस्टिंग तो लाइफ का हिस्सा फिर काहे की टेंशन

-कुछ देर के मेडिटेशन से दूर हो सकता है स्ट्रेस

-मेडिटेशन के लिए सुबह सूर्योदय से पहले या शाम को सूर्यास्त के बाद का समय चुनें

Posted By: Inextlive