-ट्रैफिक विभाग की कारस्तानी ने दी पब्लिक को परेशानी,

-हड़ताल के दिन नहीं डोले आटो के पहिए

-आटो यूनियन वालों ने विरोध स्वरूप सभा के जरिए बुलंद की आवाज

शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ट्रैफिक विभाग की ओर से जब तक नए-नए नियम थोपे जाने से परेशान ऑटो यूनियन ने मंगलवार को हड़ताल कर दी। इससे शहर भर के ऑटो के पहिए दिन भर नहीं डोले। कुछ ई-रिक्शे सड़कों पर दिखे तो ऑटो चालकों ने उन्हें जबरन बंद कराया। पब्लिक ऑटो की बांट जोहते तिराहे-चौराहों पर बेहाल रही। सिटी में जगह-जगह विरोध स्वरूप ऑटो चालकों ने अपने वाहन व ई रिक्शों को आड़े-तिरछे खड़ा कर ट्रैफिक पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्ट्राइक से सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गो व मरीजों को हुई। सिटी के प्रमुख चौराहों इंग्लिशिया लाइन, मैदागिन, लंका, भोजूबीर, कचहरी, कैंट आदि जगहों पर वाहनों की कमी से यात्री परेशान और पैदल नजर आए।

मुख्यालय पर बुलंद की आवाज

सैकड़ों की संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और डीएम से मिलकर अपनी शिकायत का समाधान किये जाने की मांग की। एसपी ट्रैफिक पर मनमाने प्रतिबन्ध लगाने का आरोप लगाते हुए ऑटो चालकों ने कहा कि एसपी टै्रफिक से वार्ता कर उन्हें कई सुझाव दिए गए, पर किसी भी सुझाव को अमल में नहीं लाया गया। बल्कि रोजाना नया रूल बनाकर ऑटो चालकों का शोषण ही किया गया।

ओला, सिटी बस बनी सहारा

ऑटो के नहीं चलने से परेशान पब्लिक के लिए रोडवेज की सिटी बस सहारा बनी रही। अमूमन खाली रहने वाली रोडवेज की बसों में स्ट्राइक के चलते यात्रियों की भीड़ अधिक रही। चौराहों पर बसों के पहुंचते ही लोग बैठने के लिए टूट पड़ रहे थे। वहीं रिक्शा चालकों ने भी स्ट्राइक का फायदा खूब उठाया। तय रेट से दोगुना किराए पर सवारियों को बैठाया। ओला टैक्सी वालों ने भी खूब कमाई की।

किया जा रहा है शोषण

ई-रिक्शा चालक सेवा समिति ने एडीएम को सौंपे मांगपत्र में कहा है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर बिना आधार व मानचित्र के सड़कों की खोदाई चहुंओर की गई है। रोडवेज की सिटी के साथ ही अन्य बसें भी दौड़ रही हैं। ऊपर से स्मूद ट्रैफिक के नाम पर जगह-जगह वनवे कर दिया गया है। जाम के मेन कारणों का पता लगाए बिना ई-रिक्शा चालकों का शोषण किया जा रहा है। जबकि नगर निगम की ओर से स्टैंड भी नहीं दिया गया है। छोटे-छोट नंबर टेकरों की ओर से फर्जी यूनियन बनाकर 40 से 50 रुपये वसूले जा रहे हैं। इन पर कोई लगाम नहीं है।

डीएम को सौंपा मांगपत्र

-ऑटो रिक्शा को शहर से बाहर चलवाया जाए, जिससे जाम की समस्या कम हो

-मानचित्र बनाकर खोदाई कराई जाए और खोदाई कार्य रात में ही हो

-बाहर से आने वाले विक्रम मैजिक को शहर में इंट्री नहीं दी जाए

-प्राइवेट स्कूल की बसों व प्राइवेट बसों को शहर में चलने से रोका जाए

-स्मूद ट्रैफिक के नाम पर बिना वजह किए गए वनवे में लगाए गए डिवाइडरों को तत्काल हटवाया जाए

-ई-रिक्शा चालकों को नगर निगम की ओर से अविलंब स्टैंड दिया जाए

-पुलिस द्वारा चालान के नाम पर अवैध वसूली बंद हो

-सोसायटी बनाकर 40 से 50 रुपये की रोजाना वसूली बंद हो

एसपी ट्रैफिक द्वारा उत्पीड़न के विरोध में हड़ताल अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक स्ट्राइक चलती रहेगी।

घनश्याम यादव, जिलाध्यक्ष

दी ऑटो रिक्शा वेलफेयर सोसायटी

मांगपत्र के जरिए डीएम से गुहार लगाई गई है कि ई-रिक्शा चालकों का शोषण बंद हो। हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

अशोक कुमार मिश्र, अध्यक्ष

ई रिक्शा चालक सेवा समिति

दादी अम्मा को लेकर बीएचयू जाना था लेकिन सिगरा से लंका की ओर एक भी ऑटो नहीं चला। बहुत परेशानियां हुई। ओला बुक करके जाना पड़ा।

संदीप कुमार, सिगरा

कचहरी जाना था लेकिन बेनियाबाग से एक भी ऑटो नहीं मिला। थक-हारकर बाइक ओला बुक किया तो किसी तरह कचहरी पहुंचा।

मिलिंद कुमार, गिरजाघर

बहुत दिक्कतें हुई, ऐसा बहुत सालों बाद हुआ कि ऑटो के लिए लोगों को घंटों सड़क पर खड़ा रहना पड़ा। जरूरी कार्य अटक गया।

सुनीता भार्गव, सिगरा

आटो वालों की मांगें जायज हैं, ट्रैफिक के नाम पर ऑटो चालकों का शोषण किया जा रहा है। स्ट्राइक से हर कोई बेहाल रहा।

सन्नी केशरी, छोटी पियरी

Posted By: Inextlive