-लोहिया हॉस्पिटल में घंटों बंद रहा पर्चा काउंटर, बिना इलाज लौटे कई मरीज

-एक्सरे अल्ट्रासाउण्ड और पैथोलोजी पर हड़ताल का दिखा सबसे ज्यादा असर

-डीजी हेल्थ ने संविदा कर्मचारियों को जायज मांगे पूरा, करने का दिया आश्वासन

LUCKNOW: विनियमितीकरण सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर डॉ.राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में मंडे को संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल कर दिया। सुबह में तीन घंटे से अधिक देर तक चले हड़ताल से यहां पर सभी मेडिकल सुविधाएं पूरी तरह से ठप रही। पर्चा बनाने के काउंटर पर न तो पर्चा बना और न ही पैथोलोजी सहित कई अन्य विभागों में जांचे हो पाई। मरीज कभी ओपीडी तो कभी पर्चा काउंटर के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। डीजी हेल्थ ने मौके पर पहुंचकर संविदा कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि उनकी जायज मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। उसके बाद संविदा कर्मचारी काम पर वापस लौटे लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कई मरीज बिना इलाज के यहां से वापस लौट चुके थे।

अपनी मांगों को लेकर तीन घंटे तक रहे हड़ताल पर

लोहिया हॉस्पिटल के संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप नायक ने बताया कि विगत क्भ् सालों से कार्यरत संविदा कर्मचारियमें की समस्याओं का निपटारा न होने से कर्मचारी आहत है। उन्होंने

बताया कि शासन और प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की लंबित मांगों के संबंध में आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द संविदा कर्मचारियों का मांगे पूरी नहीं की गई तो वह और भी व्यापक स्तर पर आंदोलन करने को विवश्ा होंगे।

यहां दिखा हड़ताल का सबसे ज्यादा असर

लोहिया हॉस्पिटल में संविदा कर्मचारियों के हड़ताल के कारण सुबह से ही मरीजों की भीड़ हॉस्पिटल में पहुंच गई थी। लेकिन जैसे ही वह पर्चा बनावाने के लिए कांउटर पर गए तो कर्मचारियों में हड़ताल की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया। सबसे अधिक प्रॉब्लम हॉस्पिटल के पैथोलॉजी में देखने को मिली, जहां अपनी जांच कराने और रिपोर्ट लेने के लिए मरीजों की लम्बी कतार देखने को मिली। वहीं अल्ट्रासाउंड और एक्सरे रूम में भी हड़ताल का असर दिखाई दिया। यहां पर करीब तीन घंटे तक एक भी मरीज की जांच नहीं की गई। इसके चलते यहां पर मरीजों की भारी भीड़ ज मा हो गई थी। कुछ एक मरीजों को तो कर्मचारियों के गुस्से का भी सामना करना पड़ गया। उधर ओपीडी में डॉक्टर मरीजों का इंतजार करते देखें गए। पर्चे ने बनने से ओपीडी में काफी देर तक एक भी मरीज को मेडिकल सुविधा नहीं मिल सका। मरीज के साथ डॉक्टरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल में हॉस्पिटल के सफाई कर्मचारी और वार्ड ब्वाय भी शामिल थे। इससे ओपीडी में न तो ठीक तरह से सफाई हो पाई और न ही रोज मर्रा के काम ही हो सके।

संविदा कर्मचारियों की मांगों के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। अंतिम फैसला सरकार को लेना है।

डॉ। ओमकार, सीएमएस, लोहिया हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive