राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से 14 योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं.

- अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से इलाज भी प्रभावित

- गोरखपुर जिले के राष्ट्रीय व राजकीय कार्यो पर पड़ा प्रभाव

-जननी सुरक्षा योजना (संस्थागत प्रसव व लाभार्थियों को भुगतान) बेक्टर बार्न डिजिज समेत कई योजनाएं सुस्त

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से 14 योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। कर्मचारी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर तीसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। जननी सुरक्षा योजना से लगायत संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अलावा नियमित टीकाकरण, अस्पतालों की ओपीडी ठप रही। वहीं प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता कार्यक्रम डाट्स का एसीएफ प्रोग्राम और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भी ग्रहण लग गया है। इतना ही नहीं उनकी हड़ताल की वजह से ओपीडी भी पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। वहीं राष्ट्रीय कार्यक्रम मिजिल्स रूबेला अभियान और आयुष्मान-भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनाएं की रफ्तार भी सुस्त हो चुकी है तो वहीं इलाज पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

तीसरे दिन भी जारी रहा धरना
तीसरे दिन भी संविदाकर्मियों का सीएमओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन जारी रहा। प्रत्येक ब्लॉक में आशा द्वारा टीकाकरण नहीं किया गया। प्रदेश संगठन के निर्देश पर पांच सूत्रीय मांग को लेकर एनएचएमकर्मी बुधवार से ही बेमियादी हड़ताल पर हैं। इसकी अगुवाई संघ के उपाध्यक्ष डॉ। आशीष त्रिपाठी कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों की मांगे जायज हैं। सरकार को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। संविदाकर्मी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है। सरकार ने चुनाव से पहले संविदाकर्मियों को नियमित करने का आश्वासन दिया था। लेकिन कोई पहल नहीं की गई। संविदाकर्मियों की लगातार उपेक्षा हो रही है।

सरकार के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ
सीएमओ कार्यालय पर धरना देते संविदाकर्मियों ने सरकार के लिए बुद्धि-शुद्धि यज्ञ का आयोजना किया। जिसमें संविदाकर्मियों ने बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस मौके पर एनएचएम संविदाकर्मियों ने सीएमओ और चिकित्सा अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर डॉ। मुस्तफा खान, डॉ। अर्चना, डॉ। संतोष, दुर्गेश, उपेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

हड़ताल से प्रभावित योजनाएं

-जननी सुरक्षा योजना (संस्थागत प्रसव व लाभार्थियों को भुगतान)

-संक्रामक रोग नियंत्रण कार्य

-स्वाइन फ्लू एवं वेक्टर बार्न डिजीज से संबंधित सर्वेक्षण एवं रोकथाम

-नियमित टीकाकरण

-राष्ट्रीय एनसीडी कार्यक्रम

-राष्ट्रीय कार्यक्रम मिजिल्स रूबेला अभियान

-आयुष, योगा ओपीडी प्रभावित

-प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता कार्यक्रम डाट्स का एसीएफ प्रोग्राम

-प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन न होना

-आयुष्मान-भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

-प्रत्येक माह की 21 तारीख को सभी जिलों से जाने वाली मासिक प्रगति रिपोर्ट

-राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

-यूपीएचएमआईएस व एचएमआईएस की रिपोर्ट की फीडिंग

-समस्त प्रकार के बजट का लेखा- जोखा

 

ये हैं मांगे

-समान कार्य समान वेतन एवं विशिष्ट सेवा नीति

-आउट सोर्सिग व ठेका प्रथा पर रोकथाम

-संविदा कर्मियों का स्थायी समायोजन एवं नवीन पद सृजन

-संविदा कर्मचारी के मृतक अश्रित को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी

-लायल्टी बोनस

-आशा कार्यकत्रियों को आंगनबाड़ी

Posted By: Inextlive