यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल डे ऑफ इनोशेंट चिल्ड्रेन विक्टिम्स ऑफ अग्रेशन डे

केस-1

15 साल की रमा ने सुसाइड करने की कोशिश की क्योंकि रमा के छोटे भाई राम का एडमिशन बोर्डिग स्कूल में करा दिया गया. भाई की पढ़ाई पर ज्यादा रुपए खर्च करने और खुद की पढ़ाई नॉर्मल स्कूल से कराने पर रमा डिप्रेशन में चली गई. हीनभावना के चलते सुसाइड करने की कोशिश की.

केस-2

क्लास 9 में पढ़ने वाले रोहित ने पढ़ाई करना छोड़ दिया. क्योंकि उसके स्कूल में पढ़ने वाले बाकी दोस्त बाइक से आते हैं और मोबाइल भी यूज करते हैं. लेकिन रोहित के पेरेंट्स ने कम उम्र होने की वजह से यह सारी चीजें नहीं दी है. इससे रोहित डिप्रेशन में चला गया और खराब बिहैव करने लगा. वह पढ़ाई नहीं करना चाहता है. पेरेंट्स अब डॉक्टर से रोहित की काउंसलिंग करा रहे हैं.

आज यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल डे ऑफ इनोशेंट चिल्ड्रेन विक्टिम्स ऑफ अग्रेशन डे है. यह हर साल 4 जून को मनाया जाता है. इसका मकसद है कि बच्चों के राइट्स को बचाया जाए और डिप्रेशन से बाहर निकाला जाए. उन्हें अवेयर किया जाए. क्योंिक आज भी लोग मेंटल इश्यूज को समझना नहीं चाहते हैं. डिप्रेशन से सफर कर रहे लोगों को पागल कह दिया जाता है. लेकिन इसको समझना हम सबके लिए बहुत जरूरी है. अब टाइम आ गया है कि हम बच्चों की प्रॉब्लम को समझें और उनका हल निकालें.

डेली आ रहे केस

देश में इस समय डिप्रेशन सबसे ज्यादा होने वाला डिजीज है. फेमस साइकिएट्रिस्ट डॉ. नवीन सहाय के मुताबिक शहर में डेली उनके पास डिप्रेशन के एक दो मरीज आ रहे हैं. बड़े लोगों के साथ-साथ अब बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं. ब्रेन में सेरोटोनिन न्यूरो ट्रांसमीटर की कमी से डिप्रेशन होता है. लाइफ स्टाइल चेंज करके और मेडिसिन से इसको ठीक किया जा सकता है.

बच्चों के नेचर में आ रहा चेंज

आज के बच्चों में बिहेवियर इश्यूज बहुत पाए जा रहे हैं. जैसे कि अग्रेसिव नेचर, र्यूडनेस, इंपेशेंस और अनहेल्दी हैबिट. आइडेंटिटी इश्यूज, पीयर प्रेशर आदि की वजह से बच्चों का कॉन्फिडेंस कम हो रहा है. वहीं पढ़ाई के प्रेशर से भी बच्चों में बिहेवियर चेंज और डिप्रेशन की प्रॉब्लम आती है.

ऐसे करें बचाव

-पेरेंट्स को समय-समय पर बच्चों से उनकी प्रॉब्लम को लेकर बात करनी चाहिए.

-अगर बच्चे प्रॉब्लम शेयर न करें तो उनकी काउंसलिंग करानी चाहिए.

-बच्चों को मोटिवेट करना चाहिए जिससे कि उनमें निगेटिविटी न आए.

-बच्चों की हर जिद को पूरा नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें समझाना चाहिए.

-बच्चों को छोटी उम्र में मोबाइल और व्हीकल नहीं देने चाहिए.

डिप्रेशन एक कॉमन बीमारी है. मेडिसिन से और लाइफ स्टाइल चेंज कर इसको ठीक किया जा सकता है. साथ ही साइको थेरेपी, बिहेवियर थेरेपी, सीबीटी थेरेपी और योगा से भी डिप्रेशन के मरीजों को ठीक किया जा सकता है.

डॉ. नवीन सहाय

साइकिएट्रिस्ट

Posted By: Radhika Lala