डीएवी में फर्जी मार्कशीट का दूसरा मामला

देहरादून,

डीएवी कॉलेज ने सैटरडे को भी फर्जी मार्कशीट के आधार पर एडमिशन लेने का प्रयास किया गया, लेकिन मामला पकड़ में आ गया। आनंद मोहन जखमोला की मार्कशीट फर्जी पाई गई। प्राचार्य डा। अजय सक्सेना के आदेश पर छात्र को एडमिशन नहीं दिया गया। बताया गया कि उसकी इंटरमीडिएट की मार्कशीट पर ऐसे बोर्ड का नाम था, जिसकी मान्यता नहीं है। इससे पहले फ्राइडे को भी बीकॉम में एडमिशन लेने आई एक छात्रा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी।

दूरस्थ शिक्षा से किया 12वीं

डीएवी के प्राचार्य डा। अजय सक्सेना ने बताया कि छात्र आनंद मोहन जखमोला ने बीए में एडमिशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन जो मार्कशीट छात्र ने दिखाई उसमें राजकीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के तहत 12वीं पास दर्शाया गया है। प्राचार्य ने बताया कि यह बोर्ड मान्यता प्राप्त नहीं है। ऐसे में छात्र को एडमिशन नहीं दिया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर कोई एडमिशन न हो इसका सख्ती से पालन किया जा रहा है। बीए, बीएससी एवं बीकॉम में दाखिले के लिए एडमिशन कमेटी को देश के 28 स्कूल शिक्षा बोर्ड के नाम की लिस्ट दी गई है।

पहले भी आया मामला

आपको बता दें कि फ्राइडे को भी बीकॉम में एडमिशन लेने एक छात्रा डीएवी कॉलेज में पहुंची थी, एडमिशन कमेटी ने जब उसकी मार्कशीट जांची तो उसमें बोर्ड का नाम 'इंटरमीडियट काउंसिल ऑफ स्कूलिंग एजुकेशन बोर्ड' लिखा था, जिसमें आईसीएसई बोर्ड भी लिखा हुआ था। एडमिशन कमेटी को मार्कशीट पर संदेह हुआ। कमेटी द्वारा मामला कॉलेज प्रिंसिपल के संज्ञान में लाया गया। प्रिंसिपल द्वारा मार्कशीट चेक की गई तो मार्कशीट फर्जी निकली, जिस पर छात्रा को एडमिशन देने से इनकार कर दिया और उसे बैरंग लौटा दिया गया था।

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जिन बोर्ड को मान्यता नहीं है, उन्हें एडमिशन नहीं दिया जा सकता है। एडमिशन के समय डॉक्यूमेंट की पूरी जांच की जा रही है।

डॉ। अजय सक्सेना, प्राचार्य, डीएवी कॉलेज

Posted By: Inextlive