छात्र नेता सुमित उर्फ अच्युतानंद शुक्ला हत्याकांड का खुलासा, सीएमपी अध्यक्ष समेत तीन भेजे गये जेल

एक पिस्टल, दो तमंचा, कारतूस बरामद, मददगारों की तलाश जारी

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PRAYAGRAJ: छात्रसंघ चुनाव के दौरान मदद मांगने के लिए फोन करने पर कॉल रिसीव न करना और बर्थडे पार्टी के लिए तैयार अपनो की लिस्ट से सीएमपी अध्यक्ष का नाम गायब कर देना सुमित उर्फ अच्युता के लिए काल बन गया। दोस्तों के बीच इस प्रकरण ने ऐसी लकीर खींच दी कि एक ने दूसरे को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया। सिर्फ इतना कारण था इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता सुमित उर्फ अच्युतानंद की हत्या के पीछे। सोमवार को मीडिया के सामने हत्या के तीनो आरोपितों को पेश करते हुए पुलिस ने यही कहानी बतायी। पुलिस ने बताया कि इन तीनो के मददगारों के नाम पता चल चुके हैं। एक की लोकेशन ट्रेस हो चुकी है। सभी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें लगा दी गयी हैं। घटना में इस्तेमाल पिस्टल के साथ दो अन्य तमंचे व कारतूस बरामद कर लिये गये हैं। सभी को सोमवार को चालान करके जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार इन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

चुनाव ने दोस्तों को बनाया दुश्मन

एसएसपी नितिन तिवारी ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए सीएमपी अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी के साथ नामजद आरोपितों हरिकेश मिश्रा व सौरभ सिंह उर्फ प्रिंस को मीडिया के सामने पेश किया। एसएसपी के अनुसार छात्र संघ चुनाव से पहले सुमित उर्फ अच्युता और आशुतोष में गाढ़ी दोस्ती थी। आशुतोष के अनुसार चुनाव में अच्युतानंद ने उसके सपोर्ट में कुछ करने के स्थान पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से चुनाव मैदान में किस्मत अजमा रहे बादल सिंह को तवज्जो दी। चुनाव के दौारन उसने सुमित के नम्बर पर कई बार कॉल किया मगर रिस्पांस नहीं मिला। इससे वह खफा था। पीसीबी में आयोजित बर्थडे पार्टी में अच्युतानंद ने अपने सभी जानने वालों को बुलाया लेकिन सीएमपी अध्यक्ष को अवॉयड कर दिया। इससे दोनों के बीच दुश्मनी का बीज पनपने लगा। आशुतोष ने पुलिस को बताया कि पार्टी वाले दिन उसकी सुमित से कहासुनी हुई थी। रात में उसने फोन पर बत्तमीजी से बात की और पार्टी में आने के लिए कहा। इससे आशुतोष को शक हुआ कि पार्टी में पहुंचने पर उसकी हत्या न कर दी जाय। एहतियात के तौर पर उसने अवैध पिस्टल अपने पास रख ली थी। उसी ने हरिकेश व प्रिंस को पीसीबी में बुलाया था।

पुलिस ने दिखाया घटना का फुटेज

पीसीबी हास्टल में सीसीटीवी लगा है और सम्पूर्ण घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था। सोमवार को घटना का खुलासा होने के बाद यह फुटेज भी सामने आ गया। फुटेज के अनुसार अच्युतानंद अपने कुछ साथियों के साथ बैठा बात कर रहा था। सभी नशे में थे। अच्युतानंद के ठीके पीछे सीएमपी अध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी बैठा था। वह भी नशे में लग रहा था। अचानक आशुतोष अपनी कुर्सी से उठा। कमर में खोंसकर रखा गया असलहा निकाला और सुमित उर्फ अच्युता को गोली मार दी। जब तक उसके साथी कुछ समझते कि वह भाग निकला। फुटेज के अनुसार सुमित के साथियों ने क्रास फायरिंग की लेकिन, तब तक हत्यारे भाग चुके थे।

बुआ के घर पहुंच गये थे नेपाल

पुलिस के अनुसार आशुतोष ने बताया है कि घटना के बाद उसने कटरा निवासी प्रमोद यादव से सम्पर्क किया। उसने सुमित उर्फ अच्युता को बस स्टाप तक ड्राप किया। यहां से उसने ओला बुक की और झूंसी तक गया। इसके बाद दूसरे वाहन से वह वाराणसी पहुंचा। उसके साथी हरिकेश व प्रिंस लखनऊ के रास्ते वाराणसी पहुंचे। वाराणसी में इन लोगों की मदद शूटर गज्जू व कनक ने की। इन दोनों ने हत्यारों को गोरखपुर के रास्ते नेपाल भेजने का सारा प्रबंध किया। पुलिस ने बताया कि आशुतोष की बुआ नेपाल में रहती है। इसलिए यहां से भागने के बाद वह नेपाल पहुंच गया।

अब मददगारों की तलाश में दबिश

एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि हत्या के बाद आरोपितों को नेपाल तक भागने में कई लोगों ने मदद की। इसमें कटरा निवासी प्रमोद यादव और वाराणसी के गज्जू व कनक का नाम सामने आ रहा है.सभी की तलाश में पुलिस टीमों को लगाया गया है। ये सभी अपना जनपद छोड़ चुके हैं। पुलिस को गज्जू की लोकेशन कोलकाता मिली है। बाकी दोनों की भी लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है। वैसे चर्चा रही कि पुलिस ने कटरा निवासी सहयोगी को हिरासत में ले लिया है।

खुलासे से संतुष्ट नहीं

पुलिस के खुलासे से सुमित का रिश्तेदार अभिमन्यु शुक्ला संतुष्ट नहीं दिखा। उसका कहना है कि आशुतोष ने भले ही अच्युतानंद को पीछे से गोली मारी लेकिन इसके पीछे जरूर किसी न किसी अन्य का हाथ है। क्योंकि अच्युतानंद व आशुतोष के बीच गहरी यारी थी। आशुतोष के लिए वह हर तरह से खड़ा रहता था। ऐसे में उसका यह कदम समझ से परे है। पुलिस ने बगैर सच्चाई की तह तक पहुंचे जल्दबाजी में घटना का खुलासा कर दिया है।

आशुतोष पर हत्या समेत छह मामले

बता दें कि मुख्य आरोपित आशुतोष बलरामपुर का रहने वाला है। उस पर हत्या समेत छह मामले दर्ज हैं। हरिकेश सुल्तानपुर का है। उस पर दो मामले दर्ज हैं। प्रयागराज के जसरा के प्रिंस पर हत्या समेत दो मुकदमे दर्ज हैं।

घटना का खुलासा हो गया है। मुख्य आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। अब उन्हें सपोर्ट करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा दिया गया है। जल्द ही वे पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

नितिन तिवारी

एसएसपी, प्रयागराज

Posted By: Inextlive