बारीगांव निवासी सातवीं कक्षा के स्टूडेंट आदर्श का मर्डर 15 लाख रुपए की फिरौती वसूलने के लिए हुआ था.

फोटो- बालक की फाइल फोटो और प्रेस कांफ्रेंस

-हत्या के बाद आदर्श के पिता से 15 लाख रुपए फिरौती वसूलने की थी तैयारी

-सिकरीगंज के बारीगांव में मिली थी बालक की डेडबॉडी

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GORAKHPUR: बारीगांव निवासी सातवीं कक्षा के स्टूडेंट आदर्श का मर्डर 15 लाख रुपए की फिरौती वसूलने के लिए हुआ था। मोबाइल गेम के शौकीन बालक से दोस्ती बढ़ाकर आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर दोनों बदमाशों ने आदर्श के मर्डर का प्लान गढ़ा था। शुक्रवार को सिकरीगंज पुलिस ने सर्विलांस की मदद से दोनों को अरेस्ट कर घटना का पर्दाफाश किया। बालक के मर्डर में इस्तेमाल डंडा, चाकू, चप्पल, खून से सनी शर्ट और मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद किया। सनसनीखेज मामले का वर्कआउट करने वाली पुलिस टीम को 15-15 हजार रुपए का ईनाम देकर एसएसपी ने सम्मानित किया। एसएसपी ने कहा कि आदर्श को मोबाइल का शौक था। इस चक्कर में वह आसानी से बदमाशों का शिकार बन गया।

अपहरण, हत्या का केस दर्ज
चार अक्टूबर को बारीगांव के जय प्रकाश सिंह का 12 साल का बेटा आदर्श अचानक लापता हो गया। उसके गायब होने परिजनों ने तलाश शुरू की तो पता लगा कि गांव में रिश्तेदारी में रहने वाले गोपालगंज के बड़कागांव निवासी मुकेश पांडेय और संतकबीन नगर के मझौरा का गौतम भी लापता है। गांव के शिवम ने जय प्रकाश को बताया अंतिम बार शाम को आदर्श उन्हीं दोनों युवकों संग देखा गया था। परिजनों ने आदर्श के अपहरण की सूचना पुलिस को दी। पुलिस की छानबीन में युवकों के कमरे से आदर्श के कपड़े बरामद हुए। टीम गठित करके एसएसपी ने दोनों संदिग्धों की तलाश शुरू कराई। फिरौती के लिए कोई फोन न आने से पुलिस अपहरण के बजाय दूसरे बिंदुओं पर भी जांच में जुटी रही। सोमवार को गांव के पास धान के खेत में आदर्श की डेडबॉडी मिली। उसकी हत्या कर वहां शव को ठिकाने लगाया गया था। बालक के अपहरण और मर्डर का मामला सामने से पुलिस के माथे पर बल आ गया।

50 हजार के कर्ज से उबरने का खोजा उपाय
पुलिस ने सक्रियता बढ़ाई तो मुकेश पांडेय और गौतम की लोकेशन मिली। शुक्रवार को पुलिस टीम ने दोनों को पकड़ लिया। पुलिस की सख्ती से कुछ देर में ही दोनों ने मर्डर की कहानी बयां कर दी। मुकेश ने पुलिस को बताया कि गौतम उसका रिश्तेदार है। बारीगांव में आदर्श के घर के पीछे गौतम की नानी चांदमती रहती हैं। वह मुकेश की बुआ लगती हैं। इसलिए दोनों का वहां पर आना जाना था। मुकेश ने अपने गांव के कई लोगों से 50 हजार रुपए का कर्ज ले लिया था। टॉयलेट बनवाने के नाम पर रुपए लेकर वह हड़प गया। रुपए देने वाले जब तकादा करने लगे तो वह भागकर बुआ के घर आ गया। वहीं पर उसकी जान-पहचान आदर्श से हुई। आदर्श को मोबाइल पर गेम खेलने का बहुत शौक था। इसलिए वह जल्द उन लोगों से घुलमिल गया। आदर्श अक्सर यह बताता था कि उसके पिता के पास बहुत रुपए हैं। तब बालक को अपने झांसे में लेकर मुकेश और गौतम ने मर्डर की कहानी गढ़ दी।

वीडियो के बहाने बुलाया, कर दिया मर्डर
दोनों ने बताया कि आदर्श का मर्डर कर उसके पिता से फिरौती वसूलने की योजना गढ़ी गई। यू ट्यूब पर वीडियो देखकर प्लान गया। इसलिए चार सितंबर की शाम उसे नया गेम खेलने के बहाने खेत की ओर ले गए। खेत में ले जाकर डंडे से हमला करके उसे अचेत कर दिया। खेत में ले जाकर उसका गला रेत दिया। फिर आदर्श के कपड़े और ताबीज सहित कई सामान रखकर घर चले गए। उनकी योजना थी कि आदर्श की डेड बॉडी को साथ लेकर बिहार में चले जाते। वहीं पर कहीं उसे दफन कर देते थे। फिर कोरियर से आदर्श के घर उसके परिजनों को कपड़े भेजकर 15 लाख रुपए की फिरौती मांगते। लेकिन कुछ लोगों ने उनको आदर्श संग देख लिया था। बच्चे की तलाश शुरू होने पर उनको भागना पड़ गया था। 12वीं फेल मुकेश मजदूरी करता था। वह अपने रिश्तेदार गौतम संग मिलकर किसी भी तरीके से रुपए कमाने के उपाय यू-ट्यूब पर सर्च करता था।

बालक का मर्डर करके बदमाशों ने उसके कपड़े उतार लिए थे। उनकी योजना था कि कोरियर से मां-बाप को कपड़े भेजकर फिरौती मांगते। लेकिन बच्चे की तलाश शुरू होने से वह दोनों गांव छोड़कर भाग निकले। बालक की हत्या उसके परिजनों से रुपए वसूलने के लिए की गई थी।

शलभ माथुर, एसएसपी

Posted By: Inextlive