-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के सात छात्र-छात्राओं ने प्रोजेक्ट वर्क के अन्तर्गत टिकरी गांव का किया सर्वे

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के परास्नातक छात्र-छात्राओं को अपने प्रोजेक्ट वर्क के जरिए विकास खंड कौडि़हार के टिकरी गांव की हकीकत से रूबरू होने का मौका मिला. छात्र-छात्राओं की सात सदस्यीय टीम ने सर्वे के दौरान सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में ग्रामीणों से बातचीत की तो दलित तबका सबसे वंचित दिखाई दिया. गांव के साठ फीसदी से अधिक दलित परिजनों के घर में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत बिजली का कनेक्शन नहीं मिला. इतना ही नहीं दलितों के घर भी जर्जर हालत में दिखाई दिए.

बेहतर दिखा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

सर्वे टीम के लीडर विशाल त्रिपाठी के मुताबिक गांव में अभी भी लोग खुले में शौच जाते हैं. दलितों व मुस्लिमों के घरों में इज्जत घर नहीं बना था. हालांकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कौडि़हार के सर्वे में वहां की स्थिति बेहतर दिखाई दी. विशाल ने बताया कि केन्द्र में तीस बेड थे. वहां साफ-सफाई अच्छी थी और नर्सो सहित एएनएम अपने कार्यो को लेकर सक्रिय दिखाई दे रही थीं. इसकी मॉनीटरिंग केन्द्र अधीक्षक दीपक तिवारी लगातार कर रहे थे.

सर्वे टीम में शामिल सदस्य

समाजशास्त्र विषय से परास्नातक चतुर्थ सेमेस्टर के सात सदस्यीय सर्वे टीम की अगुवाई विशाल त्रिपाठी और ज्ञान रंजन सिंह ने की. जबकि दुर्गा प्रसाद यादव, जितेन्द्र चौहान, सविता, गरिमा मिश्रा व धर्मेन्द्र यादव टीम के सदस्य के रूप में शामिल रहे.

दो दिन तक किया सर्वे

परास्नातक छात्र-छात्राओं की सात सदस्यीय टीम ने टिकरी गांव का सर्वे दो और पांच अप्रैल को किया था. इसकी वजह यही रही कि विभिन्न जाति व धर्म के रहने वालों की इस गांव में आबादी 4800 थी और एक दिन में मूलभूत सुविधाओं का सर्वे कर पाना मुश्किल होता.

Posted By: Vijay Pandey