11 वर्ष में सैकड़ों दृष्टिबाधितों का उत्पीड़न
देहरादून
दृष्टिबाधितों के स्कूल एनआईवीएच में जुल्मों की कहानी आज से नही 11 वर्ष से चली आ रही थी। जिस टीचर पर बच्चे उत्पीड़न के आरोप लगा रहे हैं उसके खिलाफ सबसे पहली 2007 में शिकायत आई थी। लेकिन प्रबंधन इसे टालता रहा और नौबत यहां तक आ पहुंची कि तीन दिन से सवा सौ बच्चे भूखे-प्यासे उसके खिलाफ धरने पर बैठे हैं। बच्चों की एक ही मांग है कि आरोपी टीचर के खिलाफ एफर्आइआर हो और उसे स्कूल से हटाया जाए। सैटरडे को बाल आयोग और सीडब्ल्यूसी के मेंबर और पुलिस टीम एनआईवीएच पहुंची। बच्चों से बातचीत की तो उन्होनें अपनी पीड़ा खुलकर बताई। बिना मां-बाप की बेटी पर बुरी नजर:एनआईवीएच के जिस टीचर पर बच्चे आरोप लगा रहे हैं, उसने एक बिन मां-बाप की बच्ची के साथ तो जुल्मों की इंतहा कर दी। बच्ची को कभी भी वह अपने कमरे में बुलाता और उसे दबोच लेता था। बच्ची ने बताया कि एक बार उसे तेज सिर दर्द था तो टीचर ने उसे अपने पास बुलाया। बच्ची का सिर दर्द से फटा जा रहा था और टीचर ने उसे यह कहकर दबोचे रखा कि सिर में दर्द की वजह उसे पता है, अभी वह सिर दर्द ठीक कर देगा। इस बहाने उसने लड़की के साथ काफी समय तक उत्पीड़न किया। लड़की ने विरोध किया तो धमकाया कि चुपचाप कॉपरेट कर ,वर्ना मार पड़ेगी।
सहेली तो बताया तो बात उजागर हुई: बिन मां-बाप की इस बेटी पर टीचर के साथ ही अन्य लोग भी बुरी नजर रखने लगे। आहत होकर उसने यह बात अपनी सहेली को बताई। सहेली ने अन्य बच्चों को बताई तो एक एक कर बच्चे मुखर हुए। बच्चों की आपसी बातचीत में खुलासा हुआ कि दर्जनों गर्ल्स उसकी यौन प्रताड़ना और लड़के हिंसा के शिकार है। ऐसे में 125 बच्चे मजबूर आंदोलन की राह पर उतर आए। दिन में एक बार खा रहे हैं खाना: एनआईवीएच में अव्यवसथाओं और टीचर की प्रताड़ना के खिलाफ धरने पर बैठे सवा सौ से अधिक बच्चे दिन भर गेट पर भूखे-प्यासे बैठते हैं। शाम को जब हॉस्टल लौटते हैं तो एक बार ही खाना खा रहे है। बच्चों ने बताया कि तीन दिन से आंदोलन कर रहे हैं तो खाने की क्वालिटी कुछ सुधरी है वरना पहले तो कभी खाने में कम ज्यादा मसाले तो कभी कीड़े तक निकलते थे। संस्थान की कमेटी पर भी सवाल:चार माह पहले संस्थान के दो टीचर्स के खिलाफ शिकायत आई थी। शिकायत की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। एक टीचर के खिलाफ बच्चे ने कुकर्म की बात कही थी। बच्चे की बाल आयोग की टीम ने वीडियो रिकार्डिग की एक संस्था के सदस्य के जरिए राजपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तब उस टीचर को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ,लेकिन इसे कमेटी ने बचा लिया था। ऐसे में चार माह से यह और अधिक आक्रांता हो गया।
सच्चाई बताई तो रात में पिटाई: एनआईवीएच की व्यवस्थाएं देखने बाल आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी, और डीएसपी जया बलोनी पहुंची थी। उन्होंने बच्चों से अपने नंबर भी शेयर किए। देर रात स्कूल से एक बच्चे ने कॉल कर हॉस्टल में उनकी पिटाई किए जाने की सूचना भी दी.ऐसे में प्रबंधन फिर सवालों के घेरे में है।