Bareilly : स्टूडेंट्स की मांगों पर सुनवाई न करना आरयू के लिए थर्सडे को बेहद भारी पड़ा. कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटी में बीटेक के लास्ट ईयर स्टूडेंट राघवेन्द्र प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि राघवेन्द्र का सस्पेंशन यूनिवर्सिटी ने वापस ले लिया था लेकिन इस घटना से नाराज स्टूडेंट्स एडमिनिस्ट्रेशन से संस्पेशल रूल्स को बदले जाने की मांग कर रहे थे. स्टूडेंट्स की मांगो को रजिस्ट्रार केएन पांडेय ने अनसुना करने के साथ ही उन्हें सिक्योरिटीज से ऑफिस के बाहर करवा दिया. इससे भड़के सैकड़ों स्टूडेंट्स एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में घुस गए और वहां अपनी मांगों को लेकर अनशन शुरू कर दिया. करीब 500 स्टूडेंट्स के तीखे तेवरों ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के पसीने ही छुड़ा दिए.


VC से की मिलने की demandमांगों को लेकर हॉस्टल के कुछ स्टूडेंट्स राघवेंद्र प्रताप को साथ लेकर रजिस्ट्रार केएन पांडेय से थर्सडे शाम पांच बजे मिलने पहुंचे। यहां रजिस्ट्रार ने उनकी मांगों को सिरे से नकार दिया। इससे गुस्साए स्टूडेंट्स अनशन पर बैठ कर एक्टिंग वीसी प्रो। मोहम्मद मुजम्मिल को बुलाने की मांग करने लगे। इस दौरान युवांश के पे्रसीडेंट सुनील यादव भी अपने संगठन के साथ स्टूडेंट्स के सपोर्ट में आ गए। वहीं स्टूडेंट यूनियन वाइस प्रेसीडेंट चंद्रशेखर द्विवेदी और जनरल सेक्रेटरी सुशील कुमार भी मौके पर पहुंच गए और अनशन पर बैठ गए।दस्तावेजों पर खतरा मंडराया


सैंकड़ों स्टूडेंट्स की तादाद के आगे मौके पर मौजूद सभी अधिकारी भी बेबस दिखे। शुरू में रजिस्ट्रार डॉ.केएन पांडेय और चीफ प्राक्टर प्रो। वीपी सिंह ने छात्रों को समझाने की कोशिश की लेकिन स्टूडेंट्स नहीं माने। वहीं हंगामे की सूचना पर पहुंचे एसीएम फस्र्ट और सीओ सिटी ने भी यही बात दोहराई जिसे स्टूडेंट्स ने सुनने से ही इन्कार कर दिया। उधर एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग के अंदर बेहद इंपॉटेंट और कॉफिडेंशियल दस्तावेजों के अलावा काफी कैश भी रखा हुआ था। पांच सौ से अधिक स्टूडेंटस के नाराज रवैये से रिकॉर्ड की सेफ्टी को खतरा हो गया था। बिल्डिंग के अंदर मार्कशीट, डिग्री, फॉमर्र और करेंट स्टूडेंटस का रिकॉर्ड, कर्मचारियों का रिकॉर्ड और फीस सहित अन्य कटेगरी का कैश रखा हुआ था। देर रात तक जमे रहे अधिकारीस्टूडेंट्स के एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग से बाहर न निकलने के चलते यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी देर रात तक भारी पुलिस बल के साथ मौके पर डटे रहे। उनके द्वारा स्टूडेंट्स को बिल्डिंग के बाहर अनशन पर बैठने के लिए मनाते रहे लेकिन वे कामयाब नहीं हुए। इस दौरान एसीएम फस्र्ट की ओर से पूरे मामले पर आरयू के अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और स्टूडेंट्स के प्रतिनिधिमंडल के साथ कमेटी बनाकर मामले को वीसी के सामने रखने की पेशकश की गई। बावजूद इसके स्टूडेंट नहीं माने और वीसी को तुरंत मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। DM से मांगी helpमामला गंभीर होता देख आरयू एडमिनिस्ट्रेशन ने डीएम और पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद डीएम अभिषेक प्रकाश ने एसीएम फस्र्ट आरएन पांडेय को मौके पर भेज दिया। वहीं हंगामें की सूचना मिलने पर सीओ सिटी असित श्रीवास्तव भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। एसीएम फस्र्ट व सीओ सिटी द्वारा कोशिश करने के बावजूद स्टूडेंट नहीं माने और वीसी को बुलाने की मांग पर नारेबाजी करते हुए अड़े रहे।

Its virtual revolutionआरयू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ स्टूडेंट्स की जंग में फेसबुक ने क्रांति लाने का काम किया। दरअसल थर्सडे शाम साढ़े चार बजे आरयू एडमिनिस्ट्रेशन ने अनशन पर बैठे करीब 40 छात्रों को जबरन बाहर निकलवा दिया। इससे नाराज स्टूडेंट्स ने फेसबुक के ओपन पेज द्मह्म्ड्डठ्ठह्लद्ब.ह्म्ह्व की सहायता से आमरण अनशन का मैसेज फैलाया। इन 40 स्टूडेंट्स की टीम ने मल्टीमीडिया मोबाइल के जरिए एक हजार लोगों से अधिक के बीच आंदोलन की खबर फैला दी। इसके चलते आस-पास के कॉलेजों के स्टूडेंट्स भी सपोर्ट देने के लिए मौके पर पहुंचने लगे।

Posted By: Inextlive