MillennialsSpeak : बरेली में #RaajniTEA महिला सुरक्षा के लिए पुरुषों को बदलनी होगी मानसिकता
आज दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम मिलेनियल्स डिबेट के लिए हॉट स्टेप डांस एकेडमी चौकी चौराहा पर दोहपर 12 बजे पहुंचेगी.
BAREILLY: लोकसभा इलेक्शन के लिए लगभग सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। बस इंतजार है चुनाव की डेट की घोषणा का। इसके लिए वोटर्स भी इस बार अपने मुद्दों को लेकर काफी अवेयर दिख रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और रेडिया सिटी की तरफ से राजनी-टी डिबेट सैटरडे को दिल्ली हाइवे रोड रबर फैक्ट्री के पास स्थित एएनए ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में स्टूडेंट्स के साथ हुई। कार्यक्रम में रेडियो सिटी से आरजे बुलबुल ने लोकसभा चुनाव से जुड़े मुद्दों पर चर्चा शुरू की, जिस पर यूथ ने खुलकर अपनी राय रखी। यूथ का कहना था कि सबसे बड़ा मुद्दा है कि यूथ को रोजगार मिले। इसके साथ ही देश की सिक्योरिटी, करप्शन, आतंकवाद, ब्लैक मनी और वीमेन सिक्योरिटी के मुद़्दों पर स्टूडेंट्स ने अपनी राय दी।
यूथ को मिले रोजगार
राजनी-टी डिबेट में दिव्या ने सबसे पहले रोजगार की बात करते हुए कहा कि यूथ के लिए सबसे अहम बात है कि उसे पढ़ने लिखने के बाद रोजगार मिल जाए, लेकिन हमारे यहां यूथ बेरोजगार है। इसका समाज और देश पर बड़ा इफेक्ट पड़ता है। क्योंकि यूथ जब ही खाली घूम रहा है तो देश का क्या होगा। तभी वैशाली ने दिव्या की बात को बढ़ाते हुए कहा कि यूथ एजुकेशन में कितना रुपए खर्च करता है आधी उम्र गुजार देता है सिर्फ रोजगार मिलने की चाह में, लेकिन इसके बाद भी रोजगार नहीं मिलता है। क्योंकि हमारे यहां पर रोजगार उतनी मात्रा में नहीं है जितने प्रतिवर्ष पढ़े लिखे लोग निकल रहे हैं। तभी कृतिका शर्मा ने बात को ब्रेक देते हुए कहा कि हमारे देश और प्रदेश में वीमेन सिक्योरिटी को लेकर काफी काम हुआ, लेकिन अभी भी वीमेन खुद को सिक्योर महसूस नहीं करती है। रीजन है कि वीमेन के प्रति पुरुषों की मानसिकता नहीं बदली। कृतिका की बात का समर्थन करते हुए नेहा भारती ने भी कहा कि दूसरे देशों को देखें तो वहां पर महिलाएं रात को 12 बजे हो या 10 बजे वह खुद को अन सिक्योर महसूस नहीं करती हैं, लेकिन जब वही महिलाएं हमारे यहां पर आती है तो खुद को वह भी अन सिक्योर महसूस करती है। इसीलिए हमारे यहां महिला सिक्योरिटी के लिए जो काम हो रहा है उसे और प्रभावी बनाने की जरूरत है।
शिक्षा की क्वालिटी में गिरावट
डिबेट में सोनाली ने कहा कि हम पढ़ लिख तो रहे हैं लेकिन जॉब क्यों नहीं मिलता इसके बारे में सोचा नहीं है। इसके लिए हमारा मानना है कि शिक्षा की क्वालिटी में गिरावट। तभी सृष्टि ने कहा कि हम आज देखते हैं जो टीचर सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते हैं, लेकिन वह अपने बच्चों को निजी और अच्छे स्कूल में पढ़ने भेजते हैं। इस तरह एजुकेशन में क्वालिटी कैसे आएगी। सभी सरकारी अफसर अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेजें तो क्वालिटी खुद सुधरेगी। इसी बीच स्मृति भंडारी ने कहा कि हमारे देश की बागडोर ऐसे नेता के हाथ में हो जो देश की सिक्योरिटी को लेकर गंभीर हो। क्योकि देश की सिक्योरिटी अहम मुद्दा है, साथ ही आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्लान होना चाहिए। तभी स्वनिल चन्द्र ने बात को करप्शन पर पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि करप्शन भी खत्म होना चाहिए। तभी उनकी बात को गुरुविन्द्र सिंह ने काटते हुए कहा कि करप्शन को खत्म करने की बात करते हो लेकिन करप्शन हम ही लोग तो करते हैं। इस पर सभी ने हामी भरी और कहा कि हम लोग रूल्स फॉलो करेंगे और करप्शन को कंट्रोल करने के लिए सहयोग मिलेगा। इसके साथ ब्लैक मनी पर विकास ने कहा कि हमारे देश में नोट बंदी ब्लैक मनी निकालने के लिए की गई लेकिन यह पूरी तरह सफल नहीं ह़ुआ। ब्लैक मनी को भी व्हाइट मनी में कनवर्ट कर लिया गया। इसके साथ कृष्णा, नदीम, निशाद, सुधांशु और हार्दिक खुराना ने महिला सिक्योरिटी, करप्शन, ब्लैक मनी, एजुकेशन और आतंकवाद पर अपने विचार रखे।
-पूरी डिबेट में एजुकेशन और रोजगार का मुद्दा छाया रहा। यूथ की राय थी कि जब रोजगार नहीं मिल रहा है तो इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। उनके भविष्य के बारे में कोई भी सरकार नहीं सोचती है। यूथ चाहता है पढ़ लिखकर रोजगार मिले, लेकिन ऐसा होता नहीं है। यूथ का साथ तो हर सरकार चाहती है, लेकिन इस बार जो यूथ के बारे में ध्यान देगा यूथ उसी के लिए वोट करेगा। यूथ को ध्यान में रखकर बेरोजगारी कम करने के लिए प्लान हो।
मेरी बात
-करप्शन के बारे में बातें तो हम सभी लोग करते हैं, इसके लिए सरकार को पूरी तरह या फिर सामने वाले को दोषी ठहरा देते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि जब तक हम करप्शन कम करने में सहयोग नहीं करेंगे तब तक करप्शन खत्म नहीं होगा। इसके लिए हमें खुद को सुधारना होगा तभी करप्शन रोका जा सकता है। करप्शन को कोई सरकार नहीं रोक सकती, जब तक हम लोग साथ नहीं देंगे.