Allahabad: कोई यूं ही टॉप नहीं कर लेता. इसके लिए जुनून के साथ सेल्फ कांफिडेंस की भी जरूरत होती है. निप्स कॉलेज की स्टूडेंट आकांक्षा जायसवाल इसका जीता-जागता एग्जाम्पल हैं. उन्होंने पीटीयू के बीसीए एग्जाम में नेशनल लेवल पर टॉप कर एक मिसाल कायम की है. हालांकि बतौर टॉपर उनका सक्सेज फंडा थोड़ा अलग है. उनका कहना है कि पढ़ाई के साथ प्लेजर होना सक्सेज का मूल मंत्र है और पिछले तीन सालों में उन्होंने इसे बखूबी अप्लाई किया.

Competition की भावना ने दिलाई success

बीसीए के फाइनल एग्जाम में 83 परसेंट मॉक्र्स एचीव करने वाली आकांक्षा का सपना स्ट्रांग मैनेजमेंट लेडी बनने का है। उनके मुताबिक मन में बिना कॉम्पिटिशन की भावना लाए आप किसी भी एग्जाम में टॉप नहीं कर सकते। यह भावना ही आपके लिए बेंच मार्क तय करती है। उन्होंने बीसीए के फस्र्ट सेमेस्टर से ही पढ़ाई को लेकर स्ट्रेटजी, टूल और टेक्निक का कॉम्बिनेशन तैयार कर लिया था। परफेक्ट टाइम मैनेजमेंट के चलते न केवल उन्होंने टॉप किया बल्कि देशभर में तकरीबन 20 हजार स्टूडेंट्स को पछाड़कर पैरेंट्स ही नहीं शहर का भी नाम रौशन किया। वह अपनी इस सफलता का श्रेय टीचर्स के साथ फादर सतीश चंद्र जायसवाल व मदर अनीता जायसवाल को देती हैं।
up and downs ने दी इरादों को मजबूती

आकांक्षा को उनकी लाइफ में आने वाले अप एंड डाउंस ने सक्सेज अचीव करने में काफी हेल्प की। बकौल आकांक्षा, पहले और दूसरे सेमेस्टर में मैंने टॉप किया था, बट थर्ड सेमेस्टर में मैथ के सब्जेक्ट में मेरी बैक आ गई। इससे मेरे हौसले को काफी चोट पहुंची लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। चौथे और पांचवे सेमेस्टर में मैंने मैथ में परसेंटेज बेटर करते हुए दोबारा टॉप किया। हालांकि उन्होंने कभी भी पढ़ाई के चक्कर में प्लेजर को इग्नोर नहीं किया। चार से छह घंटे की पढ़ाई के बाद उन्होंने कुछ समय अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को भी दिया। इससे उन्हें फ्रेशनेस फील होती थी।

Management field में बनाना है future
एक लीडिंग पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी की सीईओ इंदिरा नुई को अपना आयडल मानने वाली आकांक्षा फ्यूचर में स्ट्रांग मैनेजमेंट लेडी बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने इस साल आईआईआईटी एमबीए आईटी कोर्स में एडमिशन भी ले लिया है। वह कहती हैं कि बीसीए के एग्जाम की तैयारी में उन्होंने नेट का जमकर यूज किया। कई ट्यूटर्स उन्होंने डाउनलोड किए। साथ ही कोर्स से संबंधित इंग्लिश राइटर्स की कॉम्पिटीटिव बुक्स भी पढ़ीं। उनकी मानें तो हिंदी में पब्लिश्ड होने वाली बुक्स के राइटर्स को अभी काफी इम्प्रूवमेंट की जरूरत है।

मिला gold medal
पीटीयू के 11वें दीक्षांत समारोह में आकांक्षा को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया। निप्स कॉलेज ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के निदेशक संजीव गोयल ने बताया कि इसके पहले भी 2009 में नेहा मालवीय, 2010 में पूजा सिंह व 2011 में निशा सिंह प्रजापति ने बीसीए में नेशनल लेवल पर टॉप कर कॉलेज का नाम रौशन किया था। कॉलेज प्रिंसिपल नीरज कुमार व मैनेजर आरपी यादव ने आकांक्षा को बधाई दी है।

Posted By: Inextlive