पिता की PHQ में है तैनाती, बड़ी बहन भी है मेडिकल फील्ड में

बड़ी बहन के बाद छोटी ने भी कमाल दिखा दिया है। उसने भी मेडिकल इंट्रेस नीट क्लीयर कर लिया है। आईपीएस पिता की बेटी अपराजिता शुक्ला ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में तैयारियों के बारे में बताया। सफलता के लिए क्या स्ट्रेटजी अपनाई और फैमिली ने क्या सपोर्ट दिया इसे खुलकर शेयर किया।

तीसरी बेटी करेगी सिविल की तैयारी

पीएचक्यू में पोस्टेड आईपीएस अशोक कुमार शुक्ला की तीन बेटियां और एक बेटा है। पत्‍‌नी सीमा शुक्ला चारों बच्चों की पढ़ाई को लेकर बेहद संजीदा हैं। पिता ने बेटियों को डॉक्टर बनाने का सपना देखा तो बड़ी बेटी प्रज्ञा शुक्ला ने इसकी शुरुआत कर दी। गवर्नमेंट कॉलेज कोल्हापुर से एमबीबीएस कर चुकी प्रज्ञा वर्तमान समय में बीएचयू से एमडी का कोर्स कर रही हैं। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए पिछले साल महर्षि पतंजलि से इंटरमीडिएट पास करने वाली अपराजिता शुक्ला ने इस साल नीट क्लीयर कर दिया है। उनकी आल इंडिया रैंक 11000 है। स्टेट रैंक जारी होनी अभी बाकी है। तीसरे नंबर की शगुन ने इसी साल पास किया है। आईपीएस पिता की चाहत है कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी करे। परिवार का सबसे छोटा सदस्य प्रणव शुक्ला वर्तमान में बीएचएस में कक्षा छह का छात्र है।

केमेस्ट्री ने फिट कर दी 'केमेस्ट्री'

अपराजिता ने बताया कि उसने बायोलॉजी के साथ फिजिक्स और केमेस्ट्री सब्जेक्ट पर पूरा कंसंट्रेट किया था। लेकिन, सबसे ज्यादा स्कोरिंग सब्जेक्ट रही केमेस्ट्री। इसी के चलते उन्होंने इसकी अलग से कोचिंग भी ली थी। उन्होंने बताया कि तैयारी के दिनों में हर दिन छह घंटे की क्लास के साथ हर दिन छह घंटे घर पर पढ़ाई चलती है। सफलता का राज शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि टारगेट क्लीयर था। बस उसे हासिल करने के लिए स्ट्रेटजी बनाकर काम किया।

अब पूरा 'परिवार' डॉक्टर

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डॉ। आरएन पांडेय, सुमन और संजीत के नाम से है

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डाक्टर दम्पति के इकलौते बेटे ने क्लीयर किया नीट

मेडिकल कॉलेज को नि:स्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं देने वाले डॉ। आरएन पांडेय का नया परिचय 'डॉक्टर फैमिली' होने जा रहा है। एक्चुअली मां-पिता के बाद बेटे ने भी नीट क्लीयर करके डॉक्टर बनना पक्का कर लिया है। यही सपना उसके पैरेंट्स ने देखा था। पैरेंट्स के इस सपने को पूरा करके बेटा संजीत पांडेय गदगद है। अब पिता की चाहत है कि उसे या तो दिल्ली का मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज मिल जाए या फिर बीएचयू की लिस्ट में उसका नाम आ जाए। स्टेट रैंक जारी होने पर उसे केजीएमसी मिल जाना तय है।

मिट गई पिछले साल मिली निराशा

डॉ। आरएन पांडेय वृद्धावस्था रोग विशेषज्ञ हैं और मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं देते हैं। वृद्धावस्था रोग विशेषज्ञ वह प्रदेश में इकलौते हैं। डॉ। पांडेय बताते हैं कि बेटे ने हाईस्कूल बीएचएस से किया और फिर इंटरमीडिएट के साथ मेडिकल इंट्रेस की तैयारी के लिए कोटा चला गया। लास्ट इयर उसने कोटा से ही नीट के लिए अप्लाई किया था। लास्ट ईयर हुए नीट वन में उसने 562 मा‌र्क्स सिक्योर किए थे। इससे उसे अच्छा कॉलेज मिल जाना तय था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नीट टू का आयोजन किए जाने पर उसने नंबर और बढ़ जाने के चक्कर में इसमें भी एपीयर होने का फैसला ले लिया। हालांकि यह जरूरी नहीं था लेकिन यह तय जरूर था कि नीट टू के लिए अप्लाई करने वाले छात्र के नंबर वही मान्य होंगे जो नीटू में उसे मिलेगा। संयोग से इसमें उसे 472 नंबर ही मिले। इससे गायनकोलॉजिस्ट मां डॉ। सुमन पांडेय को भी झटका लगा। लेकिन, इस साल 596 अंक लाकर संजीत ने पिछले साल की निराशा को मिटा दिया।

बीएचयू के लिए कराएंगे रजिस्ट्रेशन

संजीत के अनुसार वह पिता की इच्छा के अनुसार मौलाना आजाद और बीएचयू को ही प्रायोरिटी देंगे। बीएचयू में दाखिले के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होता है। दाखिला नीट की ही मेरिट से होता है लेकिन, एडमिशन उसे ही मिल सकता है जिसने पहले रजिस्ट्रेशन करा रखा हो। स्टेट लेवल के बेस्ट कॉलेजेज में वह केजीएमसी को रखते हैं और कहते हैं कि तीसरी प्रायोरिटी पर यही कॉलेज होगा।

Posted By: Inextlive