DEHRADUN : बसंत ऋतु सभी ऋतुओं में प्रधान होती है. यह पूर्णातिथि है. बसंत पंचमी के दिन भगवान विष्णु व मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने की मान्यता है. इस दिन इन दोनों देवी-देवताओं की आराधना करना शुभकारी होता है. श्री नर्मदेश्वर मंदिर के पंडित ज्ञानेंद्र शास्त्री कहते हैं कि बिना ज्ञान व विवेक के मनुष्य कुछ भी करने में असमर्थ है. ज्ञान के बल पर ही मनुष्य अनंत ऊंचाईयों को छू सकता है. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की परंपरा है.


मीन लगन में करें पूजाबसंत पंचमी पर भगवान विष्णु व मां सरस्वती का पूजन मीन लगन में करना अति उत्तम होगा। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह नौ बजकर सात मिनट से सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक है। सर्वप्रथम भगवान विष्णु व मां सरस्वती को स्नान करवाएं। नए वस्त्र पहनाकर उनका तिलक करें। इसके बाद उन्हें पीले फूल-फल, पान, सुपारी चढ़ाएं और पीले मीठे चावल का भोग लगाएं। 108 बार सरस्वती बीज मंत्र का जाप करें। विशेष कामना रखने वालों के लिए ब्रह्माण से पूजन करवाना मंगलकारी होगा। जबकि अन्य लोग मंदिर में या घर पर ही पूजन कर सकते हैं।

बन रहा है शुभ संयोग
इस बार बसंत पंचमी पर रेवती नक्षत्र पड़ रहा है। जो शुभ संकेत है। बसंत पंचमी पर वर्षा होती है तो यह इस बात की ओर संकेत करेगा कि इस साल अन्न का उत्पादन अच्छा होगा और कहीं भी सूखे व अकाल जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। बसंत पंचमी पर सिटी के सभी मंदिरों में भगवान विष्णु व मां सरस्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इस अवसर पर मंदिरों में दोनों देवी-देवताओं का विशेष श्रृंगार किया गया है।

Posted By: Inextlive