-शुक्रवार की सुबह वरुणा नदी का टूटा पुराना पुल का फाटक नंबर तीन, पूल टूटने से वरुणा में आई पानी की तेज धारा ने बहाये दो अस्थाई पुल

-नदी के इस बदले तेवर में मछली मार रहे दो नाविक भी बहे लेकिन बचा लिए गए

VARANASI: कहते हैं न कि किसी के साथ अगर जरूरत से ज्यादा छेड़छाड़ करो तो वो एक दिन बर्दाश्त की सारे हदों को तोड़कर बागी बन जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ पॉल्यूशन से बदहाल हो चुकी वरुणा नदी के साथ शुक्रवार को। सुबह पुराने पुल के फाटक नंबर तीन के अचानक टूटने से रोका गया वरुणा नदी का सारा पानी अपने पूरे वेग के साथ गंगा की ओर बह गया। वरुणा के अचानक बदले इस तेवर के कारण कोनिया और सरायमोहाना में बने लकड़ी के अस्थाई पुल लोगों की आंखों के सामने देखते ही देखते बह गए। वहीं वरुणा के तेज बहाव के कारण कोनिया के पास मछली मार रहे दो मछुआरे नाव सहित बह गए जिन्हें बाद में किसी तरह बचाया जा सका।

तेज धमाके के साथ टूटा गेट

शुक्रवार की सुबह पुराना पुल इलाके में सब कुछ नॉर्मल था। इस बीच अचानक एक तेज धमाके की आवाज से लोग दहल उठे। जब तक लोग कुछ समझ पाते कि शांत पड़ी वरुणा में अचानक तेज लहरे देख लोग अनहोनी की आशंका जताने लगे। पुल के आस पास रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि धमाके की आवाज सुन वे जब पुल के एक छोर पर पहुंचे तो देखा कि पुल के नीचे वरुणा के पानी को रोकने के लिए बना गेट टूट चुका था और वरुणा का पानी तेज गति से बह रहा था। इसके कारण नदी का जलस्तर तेजी से घटने लगा। पुराना पुल के नीचे बने सिचाई विभाग के रेग्युलेटर फाटक के एक ओर करीब ख्0 फीट जलस्तर हुआ करता है जो फाटक टूटने के कुछ ही घंटों बाद घटकर महज चार-पांच फीट ही रह गया। जिसके कारण वरुणा नदी में पानी के नीचे जमा गंदगी दिखने लगी।

काफी पुराना था गेट

वरुणा नदी पर बना गेट क्9भ्म् में बना था और काफी जर्जर हो चुका था। कुछ साल पहले इसकी मरम्मत भी हुई थी। गेट टूटने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के जेई बीसी हल्दर के अनुसार करीब एक वर्ष पूर्व पुल के फाटक नंबर चार की मरम्मत हुई थी। उसी वक्त सभी फाटक जर्जर पाए गए थे जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी। फाटकों को बदले जाने की कोई मंजूरी अब तक नहीं मिली है। जिसके कारण ये घटना हुई है।

Posted By: Inextlive