- नियमों में इन पदों पर मिलने वाले ग्रेड पे 5400 के लिए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक होना चाहिए

- नियमों के अनुसार 4800 के ग्रेड पे पर उपलब्ध राजपत्रित पद पर कर की जा सकती है सुधा की ज्वाइनिंग

- डिप्टी डायरेक्टर के पद पर नहीं हो सकती है नियुक्ति, प्रमोशन से भरा जाता है यह पद

- खेल विभाग के उपनिदेशक और क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी (आरएसओ)पद के लिए क्वालीफाई नहीं हैं सुधा सिंह

LUCKNOW: जकार्ता एशियन गेम्स में सिल्वर जीतने वाली सुधा सिंह जिस जॉब का सपना देख रही है, वह शासनादेशों के पेंच में फंसता दिख रहा है। शासनादेश के अनुसार खेल विभाग में उपनिदेशक या क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी (आरएसओ) बनना सुधा के लिए आसान नहीं है। ऐसा तभी संभव है, जब नियमों में परिवर्तन किया जाए, लेकिन अगर नियमों में परिवर्तन किया जाएगा तो कुछ और खिलाड़ी भी इस दायरे में आ जाएंगे। जिनको पद देना शासन के लिए संभव नहीं होगा।

और बनाया गया नियम

खेल विभाग में 2014 तक खिलाडि़यों को नौकरी दिए जाने का कोई नियम नहीं था। लेकिन जब आरपी सिंह खेल विभाग के डायरेक्टर बने तो उन्होंने विभाग को ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने वाले खिलाडि़यों की जॉब के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा। 2015 में इसे मंजूरी भी मिल गई। ओलंपिक, एशियन गेम्स, कामनवेल्थ, व‌र्ल्ड कप (चार साल में एक बार होने वाला) में पदक जीतने वालों को राजपत्रित अधिकारी के पद पर तैनात करना तय किया गया।

किसके लिए कौन सी जॉब

तय किया गया कि गोल्ड जीतने वाले को 5400 गे्रड पे पर और सिल्वर जीतने पर 4800 ग्रेड पे पर और ब्रांज लाने पर इससे कम ग्रेड पे पर तैनाती दी जाएगी। सुधा सिंह ने एशियन गेम्स में सिल्वर जीता है। नियमों के अनुसार उन्हें 4800 ग्रेड पे के पद पर तैनाती की बात कही जा रही है। हालांकि अभी तक सुधा ने खेल विभाग में नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ एक पत्र सीएम को सौंपा है।

पहले नहीं था नियम

सुधा ने 2010 में इंचियोन एशियन गेम्स में 3000 मीटर स्पीपल चेज में गोल्ड जीता था। तब खेल विभाग में जॉब का नियम न होने से उन्होंने रेलवे ज्वाइन की थी। 2016 में खेल विभाग के डायरेक्टर ने सुधा के इस पदक को ध्यान रखते हुए शासन को सुधा को रीजनल स्पो‌र्ट्स के पद पर ज्वाइन कराने के लिए पत्र लिखा था। लेकिन नियम बनने के बाद अब इस पत्र पर विचार करना मुश्किल हो गया है।

इन पदों के लिए खुले हैं रास्ते

जिला क्रीड़ाधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, युवा कल्याण अधिकारी, क्षेत्रीय वनाधिकारी, नायाब तहसीलदार के साथ कई विभागों में ऐसे पद सृजित हैं जो एशियन गेम्स में सिल्वर लाने पर खिलाडि़यों को दिए जा सकते हैं। इनका ग्रेड पे 4800 रुपए है।

कोट

इस वर्ष कामनवेल्थ और एशियाड में यूपी के 18 खिलाडि़यों ने पदक जीता है। सभी को नियमानुसार तैनाती दी जाएगी। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। सुधा सिंह की तैनाती के लिए प्रक्रिया चल रही है।

चेतन चौहान, खेल मंत्री

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जानकारी के अनुसार खेल विभाग का गठन 1974 में हुआ था। उस समय एथलीट विजय सिंह चौहान को इसमें डायरेक्ट डिप्टी का पद दिया गया था। इसके बाद क्रिकेटर आनंद शुक्ला को भी डिप्टी डायरेक्टर का पद दिया गया। 1986 में नियम बनने के बाद एक बास्केटबाल के खिलाड़ी को भी डिप्टी डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया, जिन्हें नियमों के विपरीत होने के कारण न्यायालय ने हटाने का आदेश जारी किया था।

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डिप्टी एसपी के पद की डिमांड

सुधा ने सीएम को जो पत्र में लिखा है कि यदि उपनिदेशक के पद को लेकर कोई अड़चन आती है तो क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी के पद पर विचार किया जा सकता है। वहीं सुधा ने डिप्टी एसपी के पद पर तैनाती के लिए भी निवेदन किया है।

Posted By: Inextlive