सुनिधि जिस ओर अपनी नजरें घुमा रही थीं उसी ओर से शोर का कुछ ऐसा सैलाब उमड़ पड़ता था कि मानों सारी दीवानगी आज आईआईटी में ही उतर आई हो. लोगों ने किसेस दीं तो बदले में उन्हे भी ढ़ेर सारी फ्लाइंग किसेस मिल गईं.


रात शबाब पर हैं, हजारों की भीड़ है और सामने बने स्टेज पर सन्नाटा छाया है. शो का फर्स्ट हॉफ बीत चुका है. लोगों की दीवानगी अपने चरम पर है. उन्हे इंतजार है कि वो आएगी और उन्हे म्यूज़िक की मैजिकल दुनिया में ले जाएगी. वो आ नही रही है, लोग हंगामा मचा रहे हैं, इंडियन आइडल राकेश मैनी भी लोगों के एक्साइटमेंट को संभाल नहीं पा रहे हैं. उनके जट यमला पगला दीवाना पर भी कोई नहीं झूमा. सब चिल्ला रहे कि उन्हे उनकी शहज़ादी से मिलाओ. शोर बढ़ता जा रहा है और धीरे धीरे एक आवाज सारे शोर पर भारी पड़ रही है. लोग शान्त से हो गये हैं. कैसी पहेली है ये ज़िन्दगानी की मंद मंद सी आवाज . फर्स्ट हॉफ की शीला अब तक लोगों को क्रेजी कर चुकी है. स्टेज पर सुनिधि चौहान हैं और उनके हाथ में लोगों के दिल. कुछ ऐसी ही है आईआईटी अंतराग्नि 2011 की आखिरी नाइट.

Posted By: Divyanshu Bhard