स्टूडेंट्स पूछ रहे आनंद कुमार सही हैं तो अपने अन्य टीचरों को क्यों नहीं लाते हैं सबके सामने?

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PATNA : सुपर 30 की एक और चौंकाने वाली गणित सामने आई है। यह गणित है फैकल्टी की। आनंद कुमार और सुपर 30 हेड और टेल की तरह है। इस पूरी गणित में दूसरा कोई चेहरा सामने नहीं आता है। चाहे सेलिब्रेशन पार्टी हो या फिर स्टूडेंट्स के साथ खुशी का और कोई पल। मैथ के अलावा किसी भी फेकल्टी के टीचर का चेहरा सामने नहीं आता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को लगातार मिल रही प्रतिक्रिया में स्टूडेंटस ने यह मामला उठाया है। स्टूडेट्स की जुबानी ही सुनिए आनंद कुमार के सुपर 30 की कहानी।
कौन पढ़ा रहा है केमिस्ट्री
सुपर 30 के नाम पर गई झारखंड से पटना आई जयनीति को रामानुजम क्लासेस से धोखा मिला। उन्होंने 2016 में एडमिशन लिया था लेकिन बहुत जल्द वापस हो गईं। उनका कहना है कि सभी केवल आनंद कुमार की बात करते हैं। वह भी उनका नाम सुनकर ही एडमिशन के लिए आईं। लेकिन अन्य सब्जेक्ट को लेकर सवाल है। उनका कहना है कि स्टूडेंटस केमेस्ट्री को लेकर हमेशा निराश ही नजर आते हैं। रामानुजम क्लासेस के एक स्टूडेंटस ने बताया कि आनंद कुमार के नाम पर एडमिशन करा लिया जाता है लेकिन बाद में जब वह समय नहीं देते हैं तो मामला फंस जाता है। उनका सवाल है कि आनंद कुमार सही हैं तो अपने अन्य टीचरों को सामने क्यों नहीं लाते हैं?
सुपर 30 में सब फेल है
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को मिले वीडियो में गगन ने सुपर 30 का पूरा राज खोल दिया है। गगन का कहना है कि गणित को लेकर हवा बनाया जाता है जबकि अन्य फैकेल्टी फेल है। डीजे आई नेक्स्ट को भेजी गई प्रतिक्रिया में अन्य स्टूडेंट्स का कहना है कि सुपर 30 में केमेस्ट्री की फैकल्टी फेल है। उन्होंने बताया कि आनंद कुमार खुद सुपर हीरो की तरह आगे रहते हैं वह किसी भी टीचर को सामने नहीं लाते हैं। खुद आगे होने के चक्कर में वह अन्य लोगों को पर्दे के पीछे रखते हैं जिससे स्टूडेंट्स को बड़ा नुकसान होता है। स्टूडेंट्स का सवाल है कि आखिर आनंद कुमार ऐसा क्यों करते हैं? अगर सफलता मिल रही है तो इसमें अन्य टीचर का भी योगदान है लेकिन उन्हें आगे क्यों नहीं लाया जाता है।
पारदर्शी नहीं है सुपर 30
डीजे आई नेक्स्ट को सोशल मीडिया के जरिए मैसेज भेजकर समीर कुमार, राघवेंद्र, संजीत, राकेश झा, शैलेष कुमार सहित कई स्टूडेट्स ने कहा है कि अन्य कोचिंग भी गलत करते हैं लेकिन टीचर के मामले में वह पारदर्शी होते हैं। सुपर 30 में या रामानुजम क्लासेस में बड़ा खेल किया जाता है। स्टूडेंटस की सफलता का पूरा श्रेय आनंद कुमार अपने लेते हैं। सवाल यह है कि क्या सिर्फ मैथ की आधी अधूरी तैयारी कर स्टूडेंट्स आईआईटी जा सकता है। हर कोचिंग अपने टीचरों के सहारे संस्थान की ब्रांडिंग करता है और वह टीचरों की क्षमता को बताता है लेकिन सुपर 30 में तो आनंद कुमार के आगे सब जीरो होते हैं। सुपर 30 हो या रामानुजम में टीचर को हमेशा पर्दे के पीछे रखा जाता है। सुपर 30 में केमिस्ट्री की फैकल्टी को लेकर हमेशा से शिकायत रही है। वर्ष 2018 के स्टूडेंटस ने भी यह शिकायत की है।
सिर्फ मैथ पर होता है फोकस
सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया में कई स्टूडेंट्स ने कहा है कि पूरा फोकस मैथ पर होता है। गणित के टीचर आनंद कुमार भी पूरा समय नहीं दे पाते हैं। वर्ष 2009 के एक स्टूडेंट ने बताया कि न मेरे समय सुपर था और न आज सुपर है।

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Posted By: Shweta Mishra