फस्र्ट इयर में फेल हुए मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज सप्लीमेंट्री एग्जाम कराने पर विचार कर रहा है.


प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को एस्योर किया है कि जल्द ही कोई न कोई रास्ता जरूर निकल आएगा. संडे को अपना पक्ष रखने के लिए स्टूडेंट्स के पेरेंट्स प्रिंसिपल के रेजिडेंस पहुंचे. प्रिंसिपल ने कहा कि वो वीसी से इस मैटर पर डिस्कशन कर रहे हैं.

पहले report, फिर action

पेरेंट्स ने प्रिंसिपल डॉ. आनंद स्वरूप से कहा कि उनके बच्चों के फ्यूचर के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस पर प्रिंसिपल ने कहा कि वो इस मैटर को सीरियसली ले रहे हैं. मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. रिपोर्ट से सब कुछ क्लियर हो जाएगा. साथ ही स्टूडेंट्स का साल बर्बाद होने से बचाने के लिए सप्लीमेंट्री एग्जाम कराए जा सकते हैं. वीसी और रजिस्ट्रार से उनकी बात चल रही है. जल्द ही इस पर फाइनल डिसिजन हो जाएगा. कास्टिजम को लेकर स्टूडेंट्स की कंप्लेंट पर प्रिंसिपल ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई एक्शन लिया जाएगा.

Hospital से discharged

फेल होने के बाद नींद की गोलियां खाने वाले तीनों स्टूडेंट्स को संडे मॉर्निंग हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. यहां से तीनों अपने-अपने घर चले गए. तीनों ही दूसरे डिस्ट्रिक्ट के थे. विवेक मां के साथ झांसी चला गया, शोभित उरई और संजीव पिता के साथ इलाहाबाद चला गया.

Recheck क्यों नहीं करा लेते?

मंडे को मेडिकल स्टूडेंट्स का एक डेलीगेशन इस मैटर पर बात करने के लिए वीसी से मिलने यूनीवर्सिटी जाएगा. स्टूडेंट्स का आरोप है कि करीब 50 स्टूडेंट्स 100 नंबर लेकर पास हुए हैं. इनकी कॉपियां और हमारी कॉपियों को रीचेक कराया जाए तो सब कुछ सामने आ जाएगा. स्टूडेंट्स आरोपी एचओडी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. बता दें कि फस्र्ट इयर के 55 स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं. स्टूडेंट्स का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर फेल किया गया है.

Posted By: Pradeep Tripathi