-रिपोर्ट में भी टीवीएस कराने की दी गई पुलिस को सलाह

-पुलिस के आला अफसरों ने साधी खामोशी, कहीं सबूतों से तो नहीं हो रही छेड़छाड़

Meerut : राष्ट्रीय स्तर पर तहलका मचाने वाले सामूहिक दुष्कर्म और जबरन धर्मातरण के मामले में नौ दिन बाद सप्लीमेंटरी रिपोर्ट पुलिस को मिल चुकी है। रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है, लेकिन फिलेफियन ट्यूब की जांच के लिए टीवीएस (पेट के निचले हिस्से से किया जाना वाला अल्ट्रसाउंड) कराने की सलाह दी गई है। डॉक्टरों का कहना है गर्भाशय को जोड़ने वाली फिलेफियन ट्यूब को निकालने से पहले और ऑपरेशन के बाद टीवीएस किया ही जाता है। ऐसे में पुलिस टीवीएस की आड़ लकेर मसले की पूरी जानकारी देने से बच रही है। सप्लीमेंटरी रिपोर्ट पर भी आला पुलिस अफसर खामोश हैं।

अधिकारी खामोश

खरखौदा कांड में पीडि़ता से बंद जुबान में कलीम की प्रेम कहानी बताने वाली पुलिस जांच में सामने आए तथ्यों पर खामोशी अख्तियार किए हैं, उससे लग रहा है कि पुलिस मामले को अपने मनमुताबिक करने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ कर रही है। पीडि़ता की स्लाइड रिपोर्ट में उससे दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई थी। मंगलवार को पुलिस के सामने सप्लीमेंटरी रिपोर्ट पहुंच गई है। रिपोर्ट में क्या है? उसे मीडिया से छिपाया जा रहा है। विवेचक ने तो कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया है।

रिपोर्ट से सनसनी

पुलिस सूत्रों की माने तो सप्लीमेंटरी रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हो गई है, जबकि फिलेफियन ट्यूब को निकालने के बारे में टीवीएस करने के लिए कहा गया है। वहीं, सीओ स्वर्णजीत कौर ने संकेतों में माना कि सप्लीमेंटरी मेडिकल रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। अधिक जानकारी देने से उन्होंने इन्कार कर दिया। हालांकि पुलिस के आला अधिकारी इस पर मुंह नहीं खोल रहे हैं, लेकिन उनका इशारा है कि युवती के प्रेम संबंधों के कारण इस तरह की रिपोर्ट आ रही है। पुलिस के इस रवैये से परिजनों और ग्रामीणों में गुस्सा है।

सामूहिक दुष्कर्म और जबरन धर्मातरण के मामले में पुलिस की विवेचना तेजी से चल रही है। सनाउल्ला की गिरफ्तारी नहीं होने पर कुर्की के लिए अदालत में अर्जी डाल दी गई है। सप्लीमेंटरी रिपोर्ट की जांच की जा रही है।

-ओंकार सिंह, एसएसपी

Posted By: Inextlive