- दवाओं का बजट 4 महीने पहले खत्म, दवा कंपनियों ने उधारी नहीं चुकाने पर दी सप्लाई रोकने की धमकी

- गरीब मरीजों के इलाज में बढ़ी मुश्किलें, बाहर से लानी पड़ रही दवाएं

KANPUR: कार्डियोलॉजी में दवाओं का संकट गहरा गया है। दवा कंपनियों ने उधारी नहीं चुकाने पर सप्लाई बंद करने की धमकी दी है। वहीं दवाओं का बजट ब् महीने पहले खत्म होने की वजह से कार्डियोलॉजी में दवाओं की काफी किल्लत हो गई है। खास तौर से बीपीएल श्रेणी के पेशेंट्स जिन्हें मुफ्त इलाज व दवाएं मुहैया कराई जाती थी। उन्हें भी कई दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।

उधारी पर दवाओं की सप्लाई, लेिकन कब तक

कार्डियोलॉजी को वित्तीय वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् के लिए एक करोड़ रुपए का दवाओं का बजट मिला था। जिससे बीपीएल श्रेणी के पेशेंट्स की दवाईयां मंगाई जानी थी, लेकिन यह बजट अक्टूबर में ही खत्म हो गया। इसके बाद से बीपीएल श्रेणी में आने वाले पेशेंट्स के लिए दवाएं दवा कंपनियों से उधारी पर मंगाई जा रही है। हर महीने कार्डियोलॉजी में ख्0 से ख्भ् बीपीएल श्रेणी के पेशेंट्स के ऑपरेशन होते हैं। वहीं ब्00 से ज्यादा पेशेंट्स हर महीने ओपीडी के जरिए कार्डियोलॉजी में भर्ती होते हैं। जिनकी दवाओं की सप्लाई इन्हीं कंपनियों से उधारी पर होती है, लेकिन अब चार महीनों में दवा कंपनियों पर कार्डियोलॉजी की ख्0 लाख से ज्यादा की उधारी चढ़ने की वजह से दवा कंपनियों ने अब और सप्लाई के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं।

म्0 कर्मचारियों को फ् महीने से नहीं िमली सैलरी

कार्डियोलॉजी में बजट का संकट सिर्फ दवाओं पर ही नहीं हैं। यहां पर काम करने वाले म्0 के करीब संविदा कर्मियों की सैलरी भी फ् महीने से नहीं आई हैं। इस मद से हर महीने ठेकेदार को ब् लाख रुपए का पेमेंट होता है लेकिन तीन महीने से शासन से आउटसोर्सिग कर्मचारियों की सैलरी का फंड भी नहीं आया है।

Posted By: Inextlive