बेवजह और बेबुनियाद याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख्‍स अपनाया है। नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले याचिककर्ता पर 1 लाख का जुर्माना बरकरार रखा। कोर्ट ने याचिककर्ता की पुर्नविचार याचिका खारिज करते हुए 1 हफ्ते के अंदर जुर्माना देने का आदेश दिया।

गौरतलब है कि मिथिलेश कुमार सिंह ने पिछले साल स्लीपर घोटाले का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग के निर्देश के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि इसमें कोई मेरिट नहीं है। याचिका बेवजह दायर की गई है।

 

पहले भी कोर्ट ने कहा
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता को बेवजह अदालत का कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था। इससे पहले सोमवार को भी एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की मिनी विधानसभा को शिफ्ट करने से सम्बन्धित याचिका दाखिल करने वाले याचिककर्ता पर बेवजह अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए 25 लाख का जुर्माना लगाया था।


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फिजूल की याचिका दायर करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्ती बरत रहा है। गत फरवरी माह में बिहार के ही एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए आरजेडी विधायक रवींद्र सिंह पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने 1994 में एक स्थानीय भाषा की एक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख की सच्चाई पर सवाल उठाया था।

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Posted By: Chandramohan Mishra