-डिजिटल ट्रांजेक्शन पर छूट के साथ अन्य कई बड़ी राहत।

क्कन्ञ्जहृन्: अब प्रदेश के गन्ना किसानों को जीएसटी में बड़ी राहत दी जाएगी। उन्हें डिजिटल ट्रांजेक्शन में रिलीफ के साथ अन्य कई सुविधाएं दी जाएगी। शुक्रवार को वीडियो क्रांफेंसिंग के जरिए हुई जीएसटी परिषद् की बैठक में गन्ना किसानों को राहत देने की और कई योजनाएं बनी हैं।

नेटवर्क का सरकारीकरण

अब जीएसटी नेटवर्क का पूर्ण सरकारीकरण करने का भी प्लान तैयार हो गया है। बैठक में बिहार जैसे गन्ना उत्पादक राज्यों के किसानों को राहत देने के लिए सेस लगाने एवं डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वालों को कर में 2 प्रतिशत राहत देने के संबंध में मंत्री समूह का गठन करने का निर्णय लिया गया है। कर विवरणी को दाखिल करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने एवं जीएसटी नेटवर्क का पूर्ण सरकारीकरण करने का भी निर्णय लिया गया। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि चीनी पर 3 रुपए प्रति किलो की दर से सेस लगाने के प्रस्ताव को अंतिम स्वरूप देने के लिए मंत्री समूह का गठन किया जाएगा।

हर माह अब तीन के बदले सिर्फ एक विवरणी

विवरणी को दाखिल करने की प्रक्रिया को भी सरलीकृत करने का निर्णय लिया गया है जिससे बिहार के करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। वर्तमान में उन्हें एक माह में 3 विवरणी दाखिल करने पड़ते हैं जबकि नई व्यवस्था में माह में मात्र एक ही विवरणी दाखिल करना होगा। इसके लिए फॉर्म को भी सरलीकृत किया जाएगा। कर भुगतान के लिए छोटे एवं बड़े करदाताओं के लिए अलग-अलग तिथियां होंगी। इस व्यवस्था को 6 माह के अंदर लागू कर दिया जाएगा।

सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटीएन माल एवं सेवा कर प्रणाली को आईटी का आधारभूत ढांचा प्रदान करती है तथा इसके द्वारा महत्वपूर्ण आंकड़ों का संधारण किया जाता है। यह एक गैर सरकारी कंपनी है, जिसमें सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस निर्णय के उपरान्त जी0एस0टी0एन0 में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जिसमें केन्द्र की 50 प्रतिशत और राज्यों की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल होगी।

Posted By: Inextlive