i concern

-घटना को दबाने और दूसरा मोड़ देने के भी हुए हैं प्रयास, लेकिन बाद में सामने आई हकीकत

-एमएनएनआईटी में बीटेक प्रथम वर्ष छात्र की आत्महत्या का प्रकरण चर्चा में

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: एमएनएनआईटी में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र अनिल सिंह की आत्महत्या से संस्थान प्रशासन सकते में है. राष्ट्रीय महत्व के इस संस्थान में करीब 20 साल की आयु में केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र की आत्महत्या ने सभी को स्तब्ध कर दिया है. पुलिस और संस्थान इस बात की पड़ताल में जुटा है कि आखिर छात्र ने आत्महत्या क्यों की ?

छात्र भी तलाश रहे हैं वजह

हालांकि, पुलिस की पहली थ्योरी सामने आना शुरू हो चुकी है. पुलिस इसे प्रेम प्रसंग का मामला मानकर जांच कर रही है. जबकि, मृतक के साथी जूनियर और सीनियर छात्र इस बात की भी पड़ताल में लगे हैं कि कहीं अनिल की आत्महत्या के पीछे कोई अकादमिक वजह तो नहीं? वजह, उसने अपने जन्मदिन के एक दिन बाद और परीक्षा से ठीक पहले ऐसा आत्मघाती कदम उठाया. उच्च शिक्षण संस्थानों में बीते वर्षो में कुछ मामले ऐसे भी रहे हैं, जिनपर पर्दा डालने से संस्थान नहीं चूके.

28 अगस्त 2017

ट्रिपल आईटी प्रयागराज के पूर्व प्रोजेक्ट स्टाफ परमात्मा यादव ने अपने कमरे पर आत्महत्या कर ली थी. शुरू में घटना की कोई वजह सामने नहीं आई और परिजनों ने मृतक छात्र का दाह संस्कार भी कर दिया. पुलिस भी मामले को खत्म मानकर मौन हो गई. लेकिन ट्रिपल आईटी में घटना से उद्वेलित छात्र अपनी तरफ से मामले की पड़ताल करते रहे. इनमें से कुछ छात्र लगातार मीडिया के सम्पर्क में रहे. जिसके बाद सिलसिलेवार ढंग से मीडिया में खबरें आना शुरू हुई. इसके बाद मामले ने यू-टर्न लिया और खबर मृतक के परिजनों तक पहुंची तो वे भी एक्टिव हुए. तब मृतक का भाई अवनीश यादव सामने आया और उसने छात्रों की सहायता से मौत की असल वजह को पकड़ लिया और एसएसपी से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद आरोपी प्रो. अनुपम अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज किया गया और जांच सीओ सिविल लाइंस को सौंपी गई. हालांकि, बाद में संस्थान प्रशासन ने प्रोफेसर को क्लीन चिट दे दी.

05 अप्रैल 2018

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एएन झा छात्रावास के अन्त:वासी एसएस पॉल ने हॉस्टल के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक छात्र इविवि में एमटेक का गोल्ड मेडलिस्ट था. बताया गया कि वह मानसिक रूप से परेशान था. दबी जुबान यह भी चर्चा रही कि उसे अपने विभाग से भी परेशानी महसूस हो रही थी. एसएस पॉल जेके इंस्टीट्यूट ऑफ अप्लाइड फिजिक्स एंड टेक्नोलॉजी में शोध छात्र था. इससे पहले उसने एमएनएनआईटी से बीटेक की पढ़ाई की थी. यहां भी वह गोल्ड मेडलिस्ट था. मृतक के माता-पिता नहीं थे. घर से कोई सपोर्ट न होने के कारण वह अनाथ जैसा था. उसकी मौत के बाद उसका कोई परिजन सामने नहीं आया. ऐसे में कोई स्पष्ट वजह का भी पता नहीं चल सका. उसे कई भाषाओं की अच्छे से जानकारी थी. इंटरनेशनल टॉपिक पर वह काफी अच्छे से बहस भी करता था.

जनवरी 2019

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रथम वर्ष के छात्र रजनीकांत यादव ने अपने कमरे पर आत्महत्या कर ली. उसके सुसाइड नोट के मुताबिक उसने मौत की वजह हास्ॅटल न मिल पाना बताया. उसने केपीयूसी छात्रावास के अधीक्षक पर हॉस्टल को लेकर प्रताडि़त किए जाने की बात लिखी थी. इसके बाद विवि में कई दिनों तक जोरदार आन्दोलन चला. लेकिन बाद में विवि प्रशासन ने यह कहकर मौत के मामले से पल्ला झाड़ लिया कि रजनीकांत यादव हॉस्टल पाने के लिए अर्ह ही नहीं था.

Posted By: Vijay Pandey