- 5 दिन की बच्ची की मौत पर लापरवाही के चलते किए गए हैं सस्पेंड

- निलंबन आदेश रिसीव करने की बजाए तीन दिन बाद तक वह ड्यूटी करते रहे

बरेली : जिला अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के चलते पांच दिन की बच्ची की मौत के मामले में सस्पेंड होने के बाद भी एडीएसआईसी डॉ। केएस गुप्ता से कुर्सी का मोह नहीं छूट रहा है। निलंबन आदेश रिसीव करने की बजाए तीन दिन बाद तक वह ड्यूटी करते रहे। इसके चलते संडे को उनके निजी आवास पर नोटिस चस्पा कर दिया गया।

घर पर लटका मिला ताला

संडे को निलंबन आदेश रिसीव कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम चौपुला स्थित उनके निजी आवास पर पहुंची, लेकिन घर पर ताला लटका था। इसके चलते टीम ने उनके घर के बाहर ही आदेश चस्पा कर दिया।

इसलिए हुआ था निलंबन

बीती 19 जून को विशारत गंज के गांव गोकुलपुरा निवासी किसान योगेंद्र सिंह अपनी पांच दिन की मासूम बेटी उर्वशी को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर आए थे। बच्ची ठीक प्रकार से सांस नहीं ले पा रही थी। महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अल्का शर्मा और पुरुष अस्पताल के एडीएसआईसी डॉ। केएस गुप्ता इलाज के बजाए बच्ची को रेफर करने का खेल करते रहे। तीन घंटे तक इलाज न मिलने से बच्ची ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद परिजनों ने एडीएसआईसी कार्यालय में हंगामा किया और सीएम पोर्टल पर लापरवाही की शिकायत की जिस पर फौरन एक्शन लिया गया।

वर्जन

हमारे पास निलंबन पत्र सैटरडे रात में प्राप्त हुआ। संडे सुबह ऑफिस बुलाकर एडीएसआईसी को आदेश रिसीव करा दिया गया है। एडीएसआईसी के निजी आवास पर नोटिस चस्पा होने संबंधी कोई सूचना नहीं है।

डॉ। प्रमिला गौड़, एडी हेल्थ

वर्जन

निलंबन आदेश रिसीव कराने और नोटिस चस्पा कराने का अधिकार एडी हेल्थ को ही है। कोई और अधिकारी नोटिस चस्पा नहीं करा सकता।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ

Posted By: Inextlive