स्‍कूल में बच्‍चों को उनकी शैतानी के लिए पनिसमेंट मिलना तो अक्‍सर सुनाई देता है लेकिन क्‍या आपने कभी यह सुना है कि किसी बच्‍चे को ख्‍याल देखने में सजा मिली हो। हाल ही में ओहियो के कैथोलिक स्‍कूल में यह चौकानें वाली घटना सामने आई है। जिसमें पीड़ित बच्‍चे के परिजन स्‍कूल के इस नियम को बदलने की मांग कर रहे हैं।


लापरवाही नहीं बर्दाश्त
ओहियो के वेस्टवुड में स्थित एक कैथोलिक लूर्डेस स्कूल में एक बड़ा अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां पर स्कूल की एक लेडी टीचर ने एक 6 साल के बच्चे मलाची को स्कूल से निकाल दिया। उस मासूम बच्चे का गुनाह बस इतना था कि उसने अपने ख्यालों में धनुष बाण देख लिया। उसने अपनी कल्पना में इन चीजों को काफी गंभीरता और उत्सुकता से देखा था। ऐसे में जब इस बात की जानकारी स्कूल की टीचर को हुई तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर हो गया। इस दौरान उन्होंने बच्चे से कई सारी चीजे पूछी और उसकी कल्पना की गहराई के बारे में जानने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने उस मासूम से बच्चे को स्कूल से घर भेज दिया। लेडी टीचरका कहना है कि ऐसी बाते सोचना उनके स्कूल की पॉलिसी के खिलाफ हैं। स्कूल अपने नियमों के मुताबिक वह जरा सी भी लापरवाही नहीं बर्दाश्त कर सकता है।अन्याय के खिलाफ आवाज


वहीं जब बच्चे के परिजनों को इस बात की भनक लगी तो उन्होंने स्कूल में पूछतांछ की। बच्चे के साथ स्कूल का यह रवैया बच्चे के परिजनों के गले नहीं उतर रहा है। बच्चे मलाची के पिता मैथ्यू माइली का कहना है कि उनके बेटे ने कभी ऐसी कल्पना नहीं की है। ऐसे में बच्चे को इतनी बड़ी सजा देना एक अपराध है। यह बच्चे के साथ अन्याय है। स्कूल द्वारा दिए गए इस पनिसमेंट से बच्चा पूरी तरह से सहमा है। स्कूल की यह पॉलिसी बच्चों के हित में नहीं है। इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि वह अपने बच्चे के साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ ऊपर तक आवाज उठाएंगे। इस दौरान उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से भी इस बारे में बात की है।

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Posted By: Shweta Mishra