-नेहा यादव द्वारा डीएसडब्लू को दिए प्रार्थना पत्र पर विवि प्रशासन ने लिया निर्णय

-केवल शोध कार्य के लिए ही सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलॉजी में जा सकेंगी

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PRAYAGRAJ: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलाजी की शोध छात्रा नेहा यादव का निलंबन शुक्रवार को वापस ले लिया गया है। हालांकि शोध छात्रा को यूनिवर्सिटी के किसी भी विभाग या किसी भी संकाय में एंट्री करने पर बैन लगाया गया है। यह निर्णय विवि के वीसी प्रो। आरएल हांगलू द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है। उन्हें सिर्फ अपने शोध कार्यो के संबंध में ही सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलाजी में जाने के लिए एंट्री दी गई है।

यह शर्ते लगाई गई

-शोध छात्रा का यूनिवर्सिटी के सभी परिसरों में प्रवेश निषेध किया गया है।

-विशेष जरूरत पर डिग्री, फैलोशिप व शुल्क आदि से संबंधित कार्यो के लिए किसी भी प्रशासनिक भवन में इंट्री से पूर्व चीफ प्राक्टर की लिखित अनुमति जरूरी।

-अध्ययन कार्य के उद्देश्य से केवल सेंटर ऑफ फूड टेक्नोलाजी में शोध कार्य करने के लिए आने-जाने की अनुमति।

-शोध छात्रा की दैनिक उपस्थिति विभाग में सुनिश्चित की जाएगी।

-प्रत्येक पंद्रह दिनों का शोध कार्य संबंधी प्रमाणपत्र शोध निदेशक या केन्द्र निदेशक की संस्तुति के साथ अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय को प्रेषित किया जाएगा। इसकी सूचना डीएसडब्लू को अवश्य दी जाएगी।

-चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में दोबारा अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए।

-अनुशासनहीनता का यह लंबित प्रकरण शोध कार्य की पूर्णता पर्यत विचारधीन रहेगा।

-इस दौरान अगर शोध छात्रा के अनुशासन तोड़ती है तो शोधार्थी के रूप में उनका प्रवेश नामांकन निरस्त हो जाएगा।

वर्जन

पांच सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट और शोध छात्रा के प्रार्थना के आधार पर निलंबन वापस ले लिया गया है। उन्हें सिर्फ अपने विभाग में सिर्फ शोध कार्यो को लेकर जाने की अनुमति प्रदान की गई है।

-प्रो। राम सेवक दुबे, चीफ प्राक्टर इविवि

Posted By: Inextlive