- ट्यूज्डे को 'जागरण पहल' और 'रेकेट बेंकिजर' के संयुक्त प्रयास 'डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया' कार्यक्रम की कि गई शुरुआत

- अभियान का उद्घाटन सीएम अखिलेश और ब्रांड एंबेस्डर विद्या बालन ने किया

- कहा, खुले शौच के लिए समाज और रीति-रिवाज भी हैं जिम्मेदार

- जागरण पहल और यूपी गवर्नमेंट मिलकर चलाएंगे चेंजिंग बिहेवियर प्रोग्राम

LUCKNOW: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का मानना है कि सामाजिक बंधनों को तोड़कर ही स्वच्छ भारत की परिकल्पना साकार हो सकती है। ट्यूज्डे को राजधानी के होटल ताज में आयोजित एक प्रोग्राम में 'जागरण पहल' और 'रेकेट बेंकिजर' के संयुक्त प्रयास 'डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया' के अंतर्गत स्वच्छता दूतों के सृजन अभियान का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ी है। बस मानसिकता को अमल के लिए बदलने की जरूरत है। इस प्रोग्राम में अभियान के तहत यूपी के 100 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने की शुरुआत की। इस दौरान अभियान की ब्रांड एम्बेसडर विद्या बालन भी मौजूद रहीं।

सोच बदलनी चाहिए

कार्यक्रम की शुरुआत दी प्रज्ज्वलित कर की गई। इस दौरान सीएम अखिलेश यादव, पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश, फिल्म अभिनेत्री व अभियान की ब्रांड एम्बेसडर विद्या बालन, दैनिक जागरण समूह के सीईओ और एडिटर इन चीफ संजय गुप्त, पहल के सीईओ आनंद माधव, आरबी साउथ इंडिया के रीजनल डायरेक्टर नीतीश कपूर, व‌र्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन के फाउंडर जैक सीम, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के फाउंडर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज और हरियाणा के एक पूर्व सरपंच राधेश्याम गोमला मौजूद थे। इस मौके पर हेल्थ मिनिस्टर अहमद हसन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर मनोज पांडेय समेत सिटी के कई गणमान्य मौजूद रहे।

ग्राम प्रधान संभालेंगे कमान

इस दौरान स्वच्छता लाने और लोगों को साफ-सफाई के लिए अवेयर करने की बात कही गई। साथ ही, अलग-अलग गांवों के प्रधानों को सेनेटरी चौपाल लगाकर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस जागरूक अभियान को ग्राम प्रधान लीड करेंगे। पहल के जरिए इस प्रोग्राम को दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए पीआरआई मेम्बर्स स्वाभाविक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ मिलकर काम करेंगे। इनमें आशा, एडब्ल्यूडब्ल्यू और मांएं शामिल हैं। जो सैनिटेशन से जुड़े व्यवहार के प्रति सकारात्मक रुख रखेंगी। विभिन्न गतिविधियां जैसे पंचायती राज संस्थाओं का प्रशिक्षण, जिसमें सदस्य टूल किट के उपयोग के साथ-साथ एक्सपोजर टुअर, सैनिटेशन चौपाल, फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में क्षमता निर्माण के साथ गेम शो और लोक कार्यक्रम के जरिए जागरूकता फैलाएंगे। प्रोग्राम में शामिल होने आए ग्राम प्रधानों ने अभियान को लेकर सीएम अखिलेश, ब्रांड एम्बेसडर विद्या बालन, सांसद जयराम रमेश, नीतिश कपूर समेत अन्य लोगों से टॉयलेट और स्वच्छता को लेकर कई सवाल किये।

60 करोड़ आबादी शौचालय से दूर

हर कदम पर प्रगति पर नजर रखी जाएगी और चेंज लीडर्स की उपलब्धियों को मान्यता के साथ यूपी के 100 गांव जिसमें वाराणसी, कन्नौज और इटावा को भी शामिल किया जाएगा। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस और विश्व स्वास्थ्य गठन के मुताबिक 60 करोड़ भारतीय आज भी खुले में शौच करते हैं। ग्रामीण भारत में यह अनुपात और खराब है। 68 प्रतिशत ग्रामीण घरों में अपना शौचालय नहीं है।

बंटवाएंगे स्कूलों में बुक्स: सीएम

इस अवसर पर सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आबादी के मामले में यूपी सबसे बड़ा है। यूपी में कोई काम सफल हो जाता है तो पूरे देश में सफल हो जाएगा। किताबों के जरिए बच्चों तक मैसेज पहुंचाएं ताकि जागरूकता का बड़ा मैसेज बड़ों तक पहुंचे। इसके लिए 'हम और हमारा स्वास्थ्य' नामक बुक हर स्कूल में बांटी जाएगी। जागरण पहल की सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि सफाई के लिए देश और समाज दोनों में जागरूकता कार्यक्रम चलाना होगा। प्रदेश सरकार ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। एक लाख सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है, जो इसी की एक कड़ी है।

सुरक्षा से जुड़ा मसला: विद्या

कैंपेन की ब्रांड एम्बेसडर विद्या बालन ने कहा कि घर-घर में शौचालय सेहत, सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा मसला है। यह बदलाव सरकार की मदद से किया जा सकता है। जब तक हम स्वयं कुछ नहीं करते परिवर्तन संभव नहीं है। जो लोग रीति रिवाज का हवाला देते हैं तो क्या खेत में भगवान नहीं होते हैं। भगवान तो हर जगह होते हैं।

दैनिक जागरण समूह के सीईओ और एडिटर इन चीफ संजय गुप्त ने कहा कि आजादी के बाद भी आधी से ज्यादा आबादी आज भी शौच के लिये बाहर जाती है। इसके लिए कहीं न कहीं हमारे समाज और उससे जुड़े रीति रिवाज जिम्मेदार हैं। बिना प्लानिंग के विकास भूजल को भी प्रदूषित कर रहा है। खुले में शौच कई तरह की बीमारियों को न्योता दे रहा है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। हमारा दायित्व है कि खुले में शौच की प्रथा को खत्म करने के लिए इसका प्रचार-प्रसार करें। पहल के सीईओ आनंद माधव ने कहा कि ग्राम प्रधान सैनिटेशन चौपाल के माध्यम से गांव-गांव में लोगों को जागरूक कर सकते हैं। बस, इसके लिए उन्हें सच्ची पहल करनी होगी।

शुष्क शौचालय भी हो बंद: जयराम

राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि यूपी में 52 हजार ग्राम पंचायत है। हर एक ग्राम पंचायत को स्वच्छ ही नहीं बल्कि खुले में शौच की प्रथा से भी मुक्त बनाना है। शुष्क शौचालय को भी खत्म करने की जरूरत है। अभी भी 24 लाख लोग शुष्क शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं।

सरकार सेतू का काम करे: चिदानंद

स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि मंदिर जरूरी है। मगर शौचालय भी बहुत जरूरी है। शौचालय शौच के तरीके को बदलता है। देश में 65 प्रतिशत यूथ है। उनकी बड़ी भूमिका है। यूथ को भी स्वच्छता के लिए आगे आने की आवश्यकता है तभी हम स्वच्छ भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।

हार्डवेयर बनना आसान : नीतीश

आरबी साउथ के एशिया के रीजनल डायरेक्टर नीतीश कपूर ने कहा कि हार्डवेयर बनना आसान है। लेकिन, लोगों की सोच बदलनी चाहिये। टॉयलेट तो बना सकते हैं लोगों में यह अलख जगानी होगी कि खुले में शौच उनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है।

एकता ने बनाई पहचान: राधेश्याम

सरपंच राधेश्याम गोमला ने कहा कि वर्ष 2005 में जब उन्होंने स्वच्छता के लिए अभियान चलाया था तब न विधायक और न ही सांसद ने उनकी मदद की। गांव के लोगों ने चंदा करके खुद इसकी पहल की। आज हर घर में शौचालय है। दस वर्ष से ऊपर उम्र का कोई भी शख्स खुले में यूरीन तक नहीं करता है।

सामाजिक जागरूकता फैला रहा पहल

श्री पूरणचंद्र गुप्त स्मारक ट्रस्ट का एक डिवीजन है पहल। समाज में जागरूकता बढ़ाने में विशेष रूप से पहल कार्य करता है। साथ ही, पहल का लक्ष्य व्यवहार में बदलाव लाना है। मुख्य रूप से पहल हाईजीन, सैनिटेशन, स्वास्थ्य, शिक्षा और जेंडर के मुद्दों पर काम करता है। वहीं, आरबी व‌र्ल्ड की अग्रणी उपभोक्ता स्वास्थ्य और हाईजीन कंपनी है। जो 60 देशों में फिलहाल कार्य कर रही है।

Posted By: Inextlive