Gorakhpur : बढ़ती महंगाई ने पहले थाली से सब्जियों को दूर कर दिया और अब मुंह का जायका भी छीन लिया है. पहले टमाटर 'लालÓ हुआ और अब प्याज रुला रहा है. प्याज का रेट दिन-ब-दिन आसमां छू रहा है. आलम यह है कि प्याज मौसमी फल सेब पर भारी पड़ रहा है. प्याज के बढ़ते रेट का असर अब लोगों के घरों में देखने को मिल रहा है जहां अब सब्जी की डलिया से प्याज गायब है तो इस महंगाई में भी फल की डलिया भरी है. प्याज का बढ़ा रेट इस महंगाई में मार्केट में साफ देखने को मिल रहा है.


50 का सेब, 70 का प्याज
महंगाई ने भले ही मुंह का स्वाद फीका कर दिया हो, मगर मौसम के अच्छे मिजाज ने लोगों की सेहत ठीक कर दी है। सिटी में आए सेब के स्टाक के चलते रेट उम्मीद से काफी कम चल रहा है। फुटकर मार्केट में जहां अच्छा सेब 50 रुपए केजी मिल रहा है, वहीं थोक मंडी में यह 35 से 40 रुपए केजी में है। जबकि प्याज थोक से फुटकर की मार्केट में भी 50 रुपए केजी से कम नहीं है। फुटकर में अच्छा प्याज 70 रुपए केजी मिल रहा है। जबकि प्याज एक सप्ताह पहले 40 रुपए केजी और 20 दिन पहले 20 रुपए केजी मिल रहा था। वहीं टमाटर भी पिछले कुछ दिन की महंगाई के बाद अब 80 रुपए केजी के बजाए 40 रुपए केजी मार्केट में है। इसी तरह फूल गोभी 80 रुपए केजी, पत्ता गोभी 60 रुपए केजी, करेला 40 रुपए केजी, भिंडी 40 रुपए केजी मार्केट में मिल रही है। सब्जियों का स्वाद और रंग बढ़ाने वाली धनियां के रेट भी आसमां छू रहे है। जिसे लोग पहले अन्य सब्जियों के साथ फ्री ले लेते थे, उसे खरीदने के लिए अब लोगों को 20 रुपए तक खर्च करने पड़ रहे है। एक्सपर्ट के मुताबिक प्याज का बढ़ा रेट नासिक से न आने के कारण है। जब तक नासिक का प्याज मार्केट में नहीं आएगा, तब तक रेट डाउन नहीं होंगे। फल के रेट तो जमीं पर है, मगर सब्जी का रेट आसमां छू रहा है। पहले टमाटर ने परेशान किया था तो अब प्याज रुला रहा है। हर रोज प्याज का नया रेट मार्केट में है। समझ नहीं आता कि अब कौन सी सब्जी खाए जाएं। रीमापहले फल खाना हर फैमिली के बस की बात नहीं थी, मगर अब सब्जियों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। रेट लगातार बढ़ते जा रहे है। प्याज 65 रुपए से अधिक चल रहा है तो अन्य सब्जियों का भी बुरा हाल है।शालिनी

Posted By: Inextlive