HARIDWAR (JNN): गंगा नदी में खनन पट्टे बंद कराने की मांग को लेकर सेटरडे को फिर से मातृसदन के संत आत्मबोधानंद का अनशन शुरू हो गया है। दो साल में चौथी बार आत्मबोधानंद इस मुद्दे को लेकर अनशन पर बैठे हैं।

जिलाधिकारी के निलंबन की भी मांग

अनशन स्थल पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने मीडिया से कहा कि उनकी मांग खनन पट्टे बंद कराने के साथ ही हरिद्वार के जिलाधिकारी एचसी सेमवाल को निलंबित कराने की है।

पट्टों पर रोक के बाद ही टूटेगा अनशन

मातृसदन में पत्रकारों से बातचीत में स्वामी शिवानंद ने कहा कि खनन पट्टे बंद कराने के लिए संत आत्मबोधानंद का अनशन शुरू हो गया है। अब खनन पट्टों पर रोक लगने के बाद ही अनशन समाप्त होगा।

जिलाधिकारी ने बोला था झूठ

शिवानंद का आरोप है कि जिलाधिकारी ने फरवरी में झूठे आश्वासन देकर स्वामी आत्मबोधानंद का अनशन और अप्रैल में उनका अनशन तुड़वाया था। अप्रैल में अनशन खत्म होने के तीसरे दिन ही खनन शुरू करा दिया।

कागजात गायब करने का आरोप

शिवानंद का कहना है कि जो कागज मातृसदन ने खनन बंद कराने के लिए प्रशासन को दिए थे, उनको भी फाइल से गायब कराया है। उन्होंने कहा कि इसी कारण स्थानीय प्रशासन पर उनका कोई विश्वास नहीं है।

अप्रैल, ख्0क्ब् में केंद्र लगा चुका है रोक

शिवानंद का कहना है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्0 अप्रैल ख्0क्ब् को गंगा में खनन रुकवाने तथा गंगा क्षेत्र में लगे क्रशरों को बंद कराने के आदेश दिए थे। प्रशासन ने खनन रोकने तथा क्रशर को बंद कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है।

आत्मबोधानंद का अनशन

वर्ष ख्0क्ब् में - क्ब् दिन का पहला अनशन तथा ख्क् दिन का दूसरा अनशन

वर्ष ख्0क्भ् में - ख्ख् दिन का पहला अनशन, और शनिवार से दूसरा अनशन शुरू

ये है मातृ सदन की मांग

-खनन पट्टे बंद किए जाएं तथा अवैध खनन पर भी रोक लगाई जाए

-गंगा क्षेत्र से क्रशरों को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश अनुसार बंद कराया जाए

-झूठे आश्वासन देने पर डीएम को निलंबित किया जाए।

-मातृसदन से वार्ता करने के लिए कमिश्नर स्तर का अधिकारी आए।

- फाइल से कागज गायब करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित किया जाए

-अभी तक हुए खनन की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराई जाए।

Posted By: Inextlive