अकसर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ झारखंड में मारपीट हुर्इ है। स्वामी अग्निवेश पर हमले में भाजयुमो पर आरोप लग रहे हैं। झारखंड के सीएम ने इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।


रघुबर दास ने हमले की जांच का आदेश दिया रांची (आईएएनएस)। झारखंड के पाकुड़ जिले में मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट हो गई है। कहा जा रहा है भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम के नारे लगाते हुए इन पर हमला किया है। सूत्रों ने बताया कि संघल परगना के आयुक्त और डीआईजी ने इस मामले में पूछताछ की है। वहीं झारखंड के मुख्यंमत्री रघुबर दास ने हमले की जांच का आदेश दिया है। पुलिस के मुताबिक  स्वामी अग्निवेश (78) लिटपाड़ा में 195वें दमिन महोत्सव में शामिल होने के लिए गए थे। ऐसे में जैसे ही वह होटल से बाहर आए उनकी पिटाई कर दी गई। इतना ही नहीं हमलावर इस दौरान ये नारे भी लगा रहे थे, अग्निवेश वापस जाओ, अग्निवेश वापस जाओ।गालियां दी और मेरे साथ दुर्व्यवहार भी किया


अगर तुम्हें भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। भीड़ में शामिल हमलवार धनुष और तीर पकड़ रहे थे। पिटाई के दौरान अग्निवेश जमीन पर गिर गए थे लेकिन हमलावरों ने उन्हें पीटना नहीं बंद किया था। उनके सहयोगियों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश भी की थी। भाजयुमो कार्यकर्ताओं का कहना है कि अग्निवेश ईसाई मिशनरियों के कहने पर जनजातीय लोगों को उकसाने आए थे। इस घटना के बाद से अग्निवेश काफी घबराए हुए हैं। उन्होंने एनडीटीवी को बताया मैं हर प्रकार की हिंसा के खिलाफ हूं। मैं एक शांतिप्रिय व्यक्ति के रूप में जाना जाता हूं। मुझे नहीं पता कि मुझ पर हमला क्यों हुआ। उन लोगों ने लात-घूंसे मारे और मुझे जमीन पर घसीटा। मुझे मां-बहन की गालियां दी और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया इस घटना के बाद अग्निवेश को अस्पताल पहुंचाया गया। इस मामले को लेकर  पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र बर्नवाल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को स्वामी अग्निवेश की यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।इसके साथ ही यह भी कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी तरफ, स्वामी अग्निवेश और आयोजकों ने कहा कि प्रशासन को कार्यक्रम के बारे में सूचित किया गया था। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता आरके मलिक ने कहा है कि हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हमलावरों को पकड़ने के लिए कई जगहों पर दबिश भी दी गई है। वहीं कांग्रेस के  प्रवक्ता आलोक दुबे ने आईएएनएस को बताया, पुलिस ने 20 लोगों को हिरासत में लिया लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया।

हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कीविपक्षी कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। अग्निवेश ने यह भी कहा कि जिस समय हमला हुआ वहां कोई पुलिस कर्मी मौजूद नही था। स्थानीय संवाददाताओं से पता चला था कि भाजपा की युवा इकाई के कार्यकर्ता उनके होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के लिए खड़े हैं। अचानक ऐसी हिंसा से वह हैरान हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार बातचीत का प्रस्ताव भेजा था लेकिन किसी ने कोई बात नहीं की। ऐसे में मैं अपने आदिवासी मित्रों के साथ एक सेमिनार में जा रहा था। इस दौरान बिना किसी चेतावनी के हमला बोल दिया गया। अग्निवेश ने इस घटना की तुलना पिछले एक साल में कई राज्यों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या वालों मामलों से की है।

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Posted By: Shweta Mishra