बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गो में तेजी से फैल रहा स्वाइन फ्लू

-हर रोज बढ़ रहे मरीज, आइसोलेशन वार्ड में किया जा रहा मरीजों को भर्ती

आगरा। देश की राजधानी दिल्ली, राजस्थान के बाद ताजनगरी में स्वाइन फ्लू तेजी से पैर पसार रहा है। हर रोज मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो रही है। वहीं कई संदिग्ध केसों को निगरानी में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा फ्लू के आए मरीजों को विशेष रूप से देखा जा रहा है। सामने आने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं बुजुर्ग हैं। स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है, इसके वायरल अन्य में न फैलें, इसके लिए सरकारी अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए है। मरीजों को बंद कमरे में रखा जा रहा है, ताकि वह किसी अन्य के संपर्क में न आएं। शहर में आए स्वाइन फ्लू के मरीजों में सबसे ज्यादा एच1 एन1 के मरीज सामने आ रहे हैं जो अपना शिकार बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं बुजुर्गो को बना रहा है।

स्वाइन फ्लू निगल रहा जान

पिछले दो साल से यह बीमारी घातक होती चली जा रही है। जनवरी के पहले तीन हफ्ते में देश भर में इसके 2777 मामले सामने आए हैं। इनमें कुल 85 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले राजस्थान में मरीजों का आकंड़ा 1233 है, जहां मरने वालों की संख्या 50 से अधिक है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 14,992 लोगों की मौत स्वाइन फ्लू के कारण हुई थी।

तीन प्रकार के होते है वायरस

स्वाइन फ्लू के वायरस तीन प्रकार के होते हैं। ए, बी एवं सी। टाइप ए में सबसे ज्यादा स्वाइन फ्लू फैलता है। जहां सी के लक्षण बहुत कम होते है। वहीं यह फैलता भी बहुत कम है। ए कैटेगरी के वायरस में 16 एच और नाइन एन वायरस शामिल होते है। जिसमें एच का मतलब हीमअग्लूटिनिन और एन का मतलब न्यूरामिनिडेस होता है। मनुष्यों में फ्लू ए एच1एन1 और ए एच3 एन2 और एक बी वायरस से फैलता है लेकिन गंभीर स्वाइन फ्लू के वायरस ए एच1एन1 है।

बच्चों को गिरफ्त में ले रहा स्वाइन फ्लू

स्वाइन फ्लू ताजनगरी में सबसे ज्यादा बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। साढ़े तीन साल के बच्चे में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के बाद सोमवार को दो और बच्चों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। रामबाग के छह महीने और बाग फरजाना के आठ माह के बच्चों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि ने हड़कंप मचा दिया है। बच्चे अपनी समस्या बताने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में बच्चों में मामूली सा होने वाले सर्दी जुकाम को भी हल्के में न लेने की सलाह विशेषज्ञों द्वारा दी गई है। क्योंकि इलाज में बरती गई थोड़ी सी भी कोताही, उन्हे जिंदगी भर के लिए विकलांग एवं कमजोर बना सकती है।

बच्चों में दिखे यह लक्षण तो हो जाएं सतर्क

-बच्चों में तेज सांस चलना या सांस लेने में तकलीफ होना

-बच्चों की त्वचा के रंग में बदलाव होना

-बच्चों में लगातार उल्टियां होना

-सामान्य रूप से बच्चा पानी न पी रहा हो

-बुखार ठीक हो जाने के बाद फिर से बुखार आ जाना, खांसी से बच्चों को बहुत ज्यादा तकलीफ होना

गर्भवती महिलाओं को ले रहा चपेट में

ताजनगरी में स्वाइन फ्लू का पहला केस लोहामंडी में आया था जिसमें लोहामंडी निवासी एक गर्भवती महिला में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। गर्भवती महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। वह शारीरिक रूप से कमजोर होती है। ऐसे में वायरस उनको अपनी चपेट में ले लेता है। गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखने के आदेश दिए गए है।

सावधानी से करे स्वंय का बचाव

-स्वाइन फ्लू के मरीजों से बनाए दूरी

-गर्भवती महिलाओं में फ्लू के लक्षण दिखे तो उनका उपचार एंटी वायरल से करे

-शुरूआती दौर में ही करे स्वाइन फ्लू का इलाज

-बुखार आने पर विशेषज्ञ की ले सलाह

-तरल पदार्था का सेवन करे। एंटी वायरल दवाओं का ही सेवन करे इससे मां और बच्चा दोनों सुरक्षित रहता है।

क्या कहते हैं चिकित्सक

केस आने पर लोगों को देखरेख में रखा जा रहा है। आसपास के क्षेत्रों में जाकर जागरूक भी किया जा रहा है, वैक्सीन दी जा रही है। झोलाछाप डॉक्टरों से बचने और विशेषज्ञों से ही उपचार कराने के लिए कहा जा रहा है।

डॉ। मुकेश कुमार वत्स, सीएमओ आगरा

Posted By: Inextlive