- इंस्टीट्यूट के एस्ट्रोनामी क्लब ने ऑब्जर्वेट्री फॉर अमेच्योर एस्ट्रोनामिकल रिसर्च लैब बनाई

- स्टूडेंट्स को ये सुविधा देने वाला आईआईटी कानपुर देश का पहला संस्थान बना

KANPUR : अपनी ब्रेन फैक्ट्री की वजह से आईआईटी कानपुर एक बार सुर्खियों में है। इंस्टीट्यूट के एस्ट्रोनॉमी क्लब के स्टूडेंट्स ने ऐसा काम किया है जिसके लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। स्टूडेंट्स ने एस्ट्रोनामी की फील्ड में रिसर्च करने वालों को ऑब्जर्वेट्री उपलब्ध कराई है। इसकी मदद से स्टूडेंट्स सौरमंडल का स्पष्ट नजारा ले सकते हैं। ख्भ् लाख की कीमत वाली इस ऑब्जर्वेट्री का इनॉग्रेशन संस्थान के डायरेक्टर प्रो। इन्द्रनील मन्ना संडे को करेंगे। सिटी के पब्लिक स्कूल के स्टूडेंट्स भी यहां पर विजिट कर सकते हैं।

दुनिया के किसी कोने से

ऑब्जर्वेट्री को तैयार करने में डीन ऑफ स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो। एके घोष और प्रोफेसर पंकज जैन ने स्टूडेंट्स को फुल सपोर्ट दिया है। एस्ट्रोनामी क्लब के मेंबर अक्षत सिंहल ने बताया कि यह ऑब्जर्वेट्री पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड है। दुनिया के किसी कोने में बैठकर आकाश गंगा की फोटो ले सकते हैं। बस आपने कम्प्यूटर से जैसे ही कमांड दी, लैन से कनेक्ट टेलीस्कोप और ऑब्जर्वेट्री काम करने लगेगी।

यूएसए, जर्मनी से उपकरण मंगाए गए

ऑब्जर्वेट्री के लिए यूएसए से टेलीस्कोप और डोम मंगाया गया है। इसे स्टेब्लिश करने में दस दिन का टाइम लगा। टेलीस्कोप की कीमत 8 लाख रुपए और डोम करीब क्फ् लाख रुपए का है। आंधी पानी के साथ साथ यह डोम फायर प्रूफ भी है। इसे एयरो स्पेस डिपार्टमेंट की एयरस्ट्रिप के एक साइड में स्टेब्लिश किया गया है। अगले फ् महीने में स्पेक्ट्रोस्कोपी भी जर्मनी से मंगाई जा रही है।

फिजिक्स ऑफ यूनिवर्स पढ़ने वालों को फायदा

इस सिस्टम को स्टेब्लिश करने में पूर्व छात्रों का भी योगदान है। पूरे प्रोजेक्ट में करीब ख्भ् लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जो स्टूडेंट्स फिजिक्स ऑफ यूनिवर्स पढ़ रहे हैं उनके लिए यह ऑब्जर्वेट्री बहुत ही उपयोगी साबित होगी। आईआईटी कानपुर देश का पहला संस्थान होगा जहां पर ऑब्जर्वेट्री तैयार हो गई है। कानपुर के पब्लिक स्कूलों के स्टूडेंट्स आईआईटी से संपर्क कर यहां की विजिट कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive