Jamshedpur : अगर आप किसी किराना दुकान पर सामान लेने जा रहे हैं तो जरा गौर कीजिएगा कि पूरे पैसे देने के बाद आपको पूरे वजन के साथ सामान मिला है या नहीं? क्योंकि सिटी की कई दुकानों में कम सामान तौलने का धंधा जोर-शोर से चल रहा है.

कई दुकानों में कम सामान तौलने का धंधा

 

कस्टमर के साथ हो रहा विश्वासधात
सामान लेने के चक्कर में लोग अक्सर तराजू पर गौर ही नहीं करते। जिसका फायदा उठाते हुए कई शॉप होल्डर्स कम सामान तौलकर मुनाफा कमाते हैं। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कई सालों से सामान लेने के चलते शॉप ओनर उनके साथ वफादारी बरतेगा, लेकिन इस विश्वास पर कई लोगों के साथ धोखा हुआ है। कदमा के रहने वाले सुदीप चटर्जी बताते हैं कि वे पिछले कई सालों से जिस शॉप से सामान लेते थे एक दिन उसी दुकान से दो किलो चीनी घर पर वेट करने पर कम पाया। इसके बाद मैंने उस शॉप से सामान ही परचेज करना छोड़ दिया। दूसरी तरफ कई शॉप पर तराजू फ्रंट में नहीं, कोने में छुपा कर रखा जाता है, ताकि कस्टमर की इस पर नजर ही न पड़े।

साकची मार्केट में धोखाधड़ी का बोलबाला
साकची मार्केट में इस धोखधड़ी का धंधा खुलेआम चलता है। साकची मसाला पट्टी से लेकर, संजय मार्केट, शालिनी मार्केट, होटल लाइन मार्केट आदि प्रमुख मार्केट्स में कई शॉप्स ऐसी है,ं जहां पर डिजिटल तराजू को दुकानों के अंदर छिपा कर रखा गया है। अगर फ्रंट में रखा गया है तो तराजू का मीटर शॉप ओनर के साइड में है। यह कस्टमर को दिखाई नहीं देता। साकची के एक शॉप ओनर ने बताया कि कंज्यूमर कभी भी इसको लेकर कोई कंप्लेन नहीं करते। इसके अलावा जुगसलाई, मानगो, परसुडीह, डिमना रोड की प्रमुख मार्केट्स में भी यही कहानी है।
कंज्यूमर को बेसिक अधिकारों के बारे में अवेयर रहना चाहिए। टीवी पर कंज्यूमर राइट्स के बारे में लोगों को अवेयर करने के लिए कई सारे पीएसयू एड आते हैं फिर भी लोगों का अवेयरनेस लेवेल काफी डाउन है।

अगर लोग शॉप ओनर को तराजू फ्रंट में रखने के लिए कहें और वो इनकार करें तो इसकी कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं।
-शशि संगीता
 इंस्पेक्टर, वेट एंड मेजरमेंट डिपार्टमेंट

 

नहीं किया जाता inspection
स्टैंडर्ड ऑफ वेट एंड मीजर्स एक्ट के सेक्शन 83 (22) के चैप्टर 3 के अकॉर्डिंग हर वेट मेजरिंग इक्विपमेंट का हर 6 महीने में एक बार वेरीफिकेशन होना चाहिए, ताकि मीटरोलॉजिकल क्वालिटीज मेंटेन करने के लिए उसे एडजस्ट किया जा सके। लेकिन सिटी में वेट एंड मेजरमेंट डिपार्टमेंट की ओर से कभी भी इंस्पेक्शन नहीं किया जाता और न ही इक्वीपमेंट्स का वैरीफिकेशन किया जाता है। न ही शॉप ओनर्स पर इसके लिए दबाव डाले जाते हैं।

 

Report by : rajnish.tiwari@inext.co.in

Posted By: Inextlive