भारत की सबसे प्रभावशाली खोजी पत्रिकाओं में से एक तहलका के एडिटर-इन-चीफ़ तरुण तेजपाल पिछले कई दिनों से मीडिया की सुर्ख़ियों में हैं. उनके ऊपर तहलका में काम करने वाली एक युवा सहकर्मी के यौन उत्पीड़न का आरोप है.


इन आरोपों के मद्देनज़र  तेजपाल ने तहलका के काम-काज से ख़ुद को छह महीने के लिए अलग करने का फ़ैसला किया था.साल 2000 में तहलका एक वेबसाइट के रूप में शुरू हुई थी. तहलका की शुरुआत ही विस्फोटक रही और उसने कई ऐसी ख़बरें की जिन्हें भारतीय पत्रकारिता के इतिहास की सबसे विस्फोटक ख़बरों में से एक माना जाता है.साल 2001 में उन्होंने आठ महीनों तक चले अपने स्टिंग ऑपरेशन 'वेस्ट एंड' को सार्वजनिक किया.इस स्टिंग में तहलका के कुछ पत्रकार गुप्त कैमरे के साथ हथियारों के व्यापारी बनकर सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण से मिले थे.इस स्टिंग में बंगारू लक्ष्मण भी हथियारों की एक छद्म डील के लिए घूस लेते हुए दिखे.'शक्तिशाली पत्रकार'


सफ़ेद दाढ़ी और चुटिया रखने वाले सिलेब्रिटी पत्रकार तेजपाल तहलका शुरू करने से पहले अपने करियर के दौरान अपनी वर्तमान प्रतिद्वंद्वी पत्रिकाओं इंडिया टुडे और आउटलुक में काम कर चुके हैं.

तेजपाल ने अपनी पत्नी गीतम से उस समय शादी की थी जब तेजपाल 21 साल के और गीतम 19 साल की थीं. गीतम सलाम बालक ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ़ ट्रस्टीज़ में शामिल हैं. उनकी दो बेटियाँ हैं, टिया और कारा. दोनों तहलका के लिए लिख चुकी हैं.'वेस्ट एंड' स्टिंग के बाद तत्कालीन सरकार ने तहलका के ख़िलाफ़ जाँच शुरू करवाई तो तेजपाल ने कहा कि यह तहलका प्रकाशन पर हमला है.साल 2003 में तहलका के मुख्य फ़ाइनांसर और स्टिंग करने वाले पत्रकारों के जेल चले जाने के बाद तेजपाल के पास काम करने के लिए कुछ ही लोग रह गए थे. उस समय उन्होंने गार्डियन अख़बार से कहा था, "मुझे संघर्ष की उम्मीद थी लेकिन ये सब इस हद तक होगा इसकी उम्मीद नहीं थी."आख़िरकार तहलका वेबसाइट मजबूरन बंद करनी पड़ी. साल 2004 में तहलका फिर से एक अख़बार के रूप में इस दावे के साथ रिलॉंच हुआ कि वो "आज़ाद, निष्पक्ष और निडर" पत्रकारिता को बढ़ावा देगा. तीन साल बाद तहलका एक साप्ताहिक पत्रिका में बदल गया.साल 2001 में सेमिनार पत्रिका में लिखे एक लेख में  तेजपाल ने कहा था कि विकासशील देश होने के कारण भारत में आर्थिक घोटालों से जुड़े मामले सेक्स स्कैंडल से जुड़े मामलों से ज़्यादा ध्यान खींचते हैं. तेजपाल ने लिखा था, "पैसे का ग़लत इस्तेमाल, ग़बन और बर्बादी, ऐसी चीज़ें हैं जो हमें ज़्यादा कष्ट पहुँचाती हैं."

इसी लेख में तेजपाल ने कहा था, "सेक्स स्कैंडल का कोई मतलब नहीं है...यह असल में विकसित देशों का मामला है, जिससे वहाँ के लोगों को 'ग्रुप वॉयरिज़म' और 'आर्टिफ़िशियल एक्साइटमेंट' मिलता है."लेकिन उस वक़्त शायद ही उन्होंने ये सोचा होगा कि एक दिन वो ख़ुद सेक्स स्कैंडल के मामले में घिर जाएंगे. ख़ासकर उस समय जब दिसंबर 2012 में दिल्ली में एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद उठे बवाल के कारण सरकार महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराध को रोकने के लिए भरपूर कोशिश कर रही है.नेहरू के प्रशंसकइस उपन्यास को फ्रांसीसी साहित्य पुरस्कार प्रिक्स फ़ेमीना की अंतिम सूची में भी चयनित किया गया था. इस पुरस्कार के निर्णायक मंडल में केवल महिलाएँ होती हैं.यह उपन्यास सर्वश्रेष्ठ विदेशी साहित्यिक गल्प के लिए फ्रांस का 'ले प्रिक्स मिले पेजेज' पुरस्कार जीतने में सफल रहा था.ब्रितानी अख़बार सें टाइम्स ने छपी इस किताब की समीक्षा में कहा गया था कि इस उपन्यास में 'सेक्स एक चरित्र की तरह है' और उपन्यास में 'सेक्स की कामुक और प्रयोगात्मक सीमाओं का वृहद अनुसंधान किया गया है'. समीक्षक लूसी एटकिंस ने यह भी लिखा था, "कई बार उपन्यास में इसकी अति हो जाती है."
यह संयोग ही है कि मंगलवार को  तेजपाल के क़रीबी पारिवारिक मित्र नूपुर तलवार और राजेश तलवार को अदालत ने अपनी बेटी और घरेलू नौकर की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है.बुधवार को गोवा पुलिस ने तेजपाल को पूछताछ के लिए समन जारी किया. हालाँकि उन्हें अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है.

Posted By: Subhesh Sharma