फूड, कूरियर और पिज्जा डिलीवरी आदि में निजी वाहनों का किया जा रहा कमर्शियल इस्तेमाल

Meerut. कमर्शियल वाहनों से शत-प्रतिशत टैक्स वसूली का दावा करने वाले परिवहन विभाग के लिए शहर की सड़कों पर खुलेआम दौड़ रही अनरजिस्टर्ड कमर्शियल बाइक घाटे का सौदा साबित हो रही हैं. फूड और कूरियर कंपनियों द्वारा डिलीवरी के लिए प्राईवेट बाइक का बतौर कमर्शियल प्रयोग किया जा रहा है. मगर इन वाहनों को न तो कमर्शियल में बदला जा रहा है और न ही इनसे किसी प्रकार का टैक्स वसूला जा रहा है. इससे हर माह विभाग को लाखों रुपये की चपत लग रही है.

डिलीवरी का काम

दरअसल, गत कुछ सालों में शहर में पिज्जा, फूड और कूरियर आदि की डिलीवरी के नाम पर कमर्शियल बाइकों के चलन में तेजी आई है. मगर परिवहन विभाग के नियमानुसार किसी भी प्रकार के माल की नियमित डिलीवरी व ढुलाई केवल कमर्शियल वाहनों से ही की जानी चाहिए. ऐसे में परिवहन विभाग के इस नियम को धता बताकर प्राईवेट बाइकों का फूड चेन और कूरियर कंपनियों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है. इससे कंपनी पर कमर्शियल टैक्स का बोझ नहीं पड़ता.

नॉन कमर्शियल पर जुर्माना

शहर मे लगातार बढ़ती निजी बाइकों की कमर्शियल एक्टिीविटी को देखते हुए परिवहन विभाग ने अब संबंधित फूड एजेंसी और कूरियर कंपनियों से अपनी एजेंसी में प्रयोग की जा रही बाइक का डाटा देने का आदेश दिया है. यदि कंपनी द्वारा नॉन कमर्शियल में बाइकों का प्रयोग किया जा रहा है तो उसे कमर्शियल में पंजीकृत करने का समय दिया जाएगा. यदि इसके बाद भी बाइक का कमर्शियल में पंजीकरण नही कराया गया तो विभाग जुर्माना वसूलेगा.

अधिकतर कंपनियों द्वारा बल्क में बाइक का पंजीकरण कराया जाता है. इसमें उनको टैक्स में भी छूट मिल जाती है. मगर कई कंपनियां एक या दो बाइकों का संचालन अवैध रुप से कर रही हैं उनको नोटिस भेजा जाएगा.

ओपी सिंह, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Lekhchand Singh