- एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से वाहनों के प्राइस 50 हजार तक बढ़े

- इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को भी लगा महंगाई का डोज

- सभी बैंकों ने लागू किया सीटीएस-2010 चेक

- एलपीजी कंपनियों ने डीबीटीएल स्कीम भी किया लागू

एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से वाहनों के प्राइस भ्0 हजार तक बढ़े

- इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को भी लगा महंगाई का डोज

- सभी बैंकों ने लागू किया सीटीएस-ख्0क्0 चेक

- एलपीजी कंपनियों ने डीबीटीएल स्कीम भी किया लागू

BAREILLY:

BAREILLY:

गवर्नमेंट के तीन इम्पोरटेंट प्लान न्यू ईयर पर इम्प्लीमेंट हो रहे हैं, जो पब्लिक के लिए बेहद खास होंगे। इनमें गैस सब्सिडी की डीबीटी स्कीम, बैंक चेक की सीटीसी-ख्0क्0 बेनीफिशियल है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट व आटोमोबाइल सेक्टर में एक्साइज ड्यूटी का इजाफा आम पब्लिक के लिए भारी पड़ेगा, क्योंकि न्यू ईयर पर जिन्होंने अपने सपनों का घर सजाने का ख्वाब सजाया है, उन्हें अपनी पसंद से समझौता करना पड़ सकता है।

नए साल से कस्टमर को सिर्फ सीटीएस- ख्0क्0 यानि चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम की नई चेक बुक की सीरीज जारी होनी शुरू हो गई हैं। अब सीटीएस चेक ही सभी बैंकों में काम करेंगे। आरबीआई जनवरी ख्0क्फ् से ही इस नई व्यवस्था को शुरू करने वाली थी। लेकिन, कस्टमर को होने वाली परेशानियों को ध्यान में डेट को आगे दिया गया था। बैंक अधिकारियों का कहना है कि, जनवरी ख्0क्भ् से सिर्फ सीटीएस-ख्0क्0 की ही क्लीयरिंग बैंकों में होगी।

सिक्योरिटी फीचर से लैस

इस चेक की साइज, डिजाइन व सिक्योरिटी फीचर आरबीआई द्वारा जारी की गई हैं। चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम एडवांस टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। इसमें बैंकों द्वारा फिजिकली चेक को न भेजकर पेयी बैंक को चेक की इमेज भेजी जाएगी। सीटीसी में पेपर चेक उसी ब्रांच के रिकार्ड में रहेगा जिस ब्रांच में कस्टमर द्वारा उसको जमा किया गया है। जबकि अन्य पूरी प्रोसेसिंग चेक की इलेक्ट्रानिक इमेज पर ही किया जाएगा। बैंक अधिकारियों की मानें तो, सीटीएस चेकों में फीचर्स भी बेहद हाई क्लास के रखे गए है। ऐसे सिक्योरिटी फीचर्स से लैस चेक को डुप्लीकेट तैयार करना संभव नहीं है। चेक का कोई कापी करने का प्रयास भी करेगा तो उसका मूवमेंट खत्म हो जाएगा।

संजीव मेहरोत्रा, उप महामंत्री, यूनियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन

आटोमोबाइल सेक्टर में क्भ् से भ्0 हजार रूपये का इजाफा

ऑटो मोबाइल सेक्टर पर एक्साइज ड्यूटी में ब् से म् परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। इनमें छोटे वाहनों पर ब् परसेंट और बड़े वाहनों पर म् परसेंट। इस प्रकार कुल क्फ् व ख्7 परसेंट एक्साइज ड्यूटी चुकानी पड़ेगी। एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पब्लिक को वैट व रजिस्ट्रेशन टैक्स की भी मार सहनी पड़ेगी। व्हीकल की कु ल कीमत पर प्रति लाख साढ़े क्ब् परसेंट वैट टैक्स और 8 परसेंट रजिस्ट्रेशन टैक्स देना पड़ेगा। इस प्रकार अलग-अलग रेंज के व्हीकल्स के रेट में क्भ् से भ्0 हजार रूपये का इजाफा होगा। जबकि टू व्हीलर्स के रेट में दो से चार हजार की बढ़ोतरी होगी।

स्टाक के व्हीकल्स पुराने रेट में

एक्साइज ड्यूटी के चलते वाहनों को खरीदना महंगा हो गया है, लेकिन अभी भी आप राहत पा सकते है। यदि शोरूम में स्टॉक में पड़े व्हीकल खरीद लें। शोरूम ओनर्स की मानें तो, स्टॉक में जो वाहन पहले से पड़े है उन पर बढ़े हुए एक्साइज ड्यूटी का कोई असर नहीं पड़ेगा।

एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से वाहनों के दाम में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। एक्साइज ड्यूटी के चलते वैट और रोड टैक्स पर भी असर पड़ेगा।

अजय अग्रवाल, एमडी, शोरूम फोर व्हीलर

ब्0 हजार तक कीमत के वाहन पर ख् हजार रूपए अधिक लोगों को पड़ेगा। हालांकि, शोरूम में पहले से जो वाहन है वह पहले ही रेट पर लोग पा सकेंगे।

प्रदीप भाटिया, मैनेजर, शोरूम टू व्हीलर

इलेक्ट्रॉनिक्स सामान पर भी असर

एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्टस के रेट में भी अच्छा-खास इजाफा हुआ है। एलसीडी, प्रेस, फ्रीज, कूलर, ओवन, गीजर सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों के प्राइस में म्00 से क्,000 तक का इजाफा हुआ है। हालांकि, राहत भरी बात यह है कि मोबाइल हैंडसेट्स पर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि जल्द ही, कंट्री में हैंडसेट्स पर टैक्स एक समान होगा। बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि, एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से इसका सीधा असर बिजनेस पर पड़ेगा। प्राइस बढ़ने से बिजनेस काफी डंप होगा। तीस हजार की एलसीडी टीवी अब करीब फ्ख् हजार में मिलेगी।

प्राइस बढ़ने से बिजनेस पर असर पड़ेगा। बजट मैनेज करने के लिए लोग कम प्राइस वाले सामान ही खरीदना पसंद करेंगे।

मनोज अरोरा, ओनर, शोरूम

गैस सब्सिडी हुई लागू

एलपीजी कंपनियों ने नए साल से डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर फॉर एलपीजी (डीबीटीएल) स्कीम भी शुरू कर दिया है। हालांकि, इस स्कीम से अभी तक मैक्सिमम कंज्यूमर्स नहीं जुड़ सके है। लेकिन नए साल में जिन लोगों का गैस कनेक्शन नंबर डीबीटीएल से लिंक हो गया है उनको स्कीम का लाभ मिलेगा। लिंक से नहीं जुड़े बाकी कंज्यूमर्स को एलपीजी कंपनियों ने ग्रेस पीरियड में रखा है। लिंक से जुड़ने तक गैस एजेंसियां इन्हें नॉन सब्सिडी वाले गैस ही देंगी। बरेली शहर की ख्क् एजेंसियों से जुड़े फ् लाख कंज्यूमर में से लिंक से जुड़े करीब 80 कंज्यूमर को डीबीटीएल का लाभ मिलेगा।

एकाउंट में पहुंचेगी सब्सिडी

गवर्नमेंट की योजना के मुताबिक, गैस पर मिलने वाली सब्सिडी अब सीधे कंज्यूमर्स के अकाउंट में पहुंचेगी। गैस एजेंसियों का कहना है कि, जिन्होंने डीबीटी फॉर्म भर दिया है। लेकिन उनका रिकॉर्ड फीड नहीं हुआ तो, डीबीटी का लाभ नहीं मिलेगा। जैसे ही कलेक्शन लिंक से जुड़ेगा योजना का लाभ मिलने लगेगा। इस स्कीम के तहत कंज्यूमर्स के अकाउंट में हर साल करीब ब्,000 रुपये सरकार से सीधे हासिल होंगे। शहर के करीब ख्,ख्0,000 कंज्यूमर को तीन महीने के ग्रेस पीरियड पर रखा गया है। जनवरी से मार्च तक इन्हें नॉन सब्सिडी वाले सिलेंडर दिए जाएंगे। तीन महीने के लिए दिए गए ग्रेस पीरियड में भी योजना से नहीं जुड़ने सब्सिडी का पैसा होल्ड रहेगा। जब योजना से जुड़ेंगे तो तीन महीने की एकमुश्त राशि कंज्यूमर्स के एकाउंट में फॉरवर्ड कर दी जाएगी। यदि निर्धारित समय में भी डीबीटी से नहीं जुड़ने पर रोकी गयी धनराशि डूब जाएगी।

राजेश गुप्ता, प्रोपराइट, गैस एजेंसी

सीटीएस-ख्0क्0 चेक की व्यवस्था लागू

Posted By: Inextlive