- 7 से 17 जनवरी तक चलाया जाएगा एक्टिव केस फाइडिंग अभियान

- 189 टीमों के साथ अन्य लोगों से भी ली जा रही हेल्प

-तीन हजार टीबी मरीजों में से 297 मरीज ही तलाश पाए

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वर्ष 2017

-6499 रोगी सरकारी हॉस्पिटल में रजिस्टर्ड हुए

-2601 प्राइवेट डॉक्टर्स ने चिह्नित रोगी की लिस्ट दी

वर्ष 2018

8594 सरकारी हॉस्पिटल में रजि‌र्स्ड हुए नए

2981 रोगी निजी डॉक्टर्स ने रोगियों की लिस्ट दी

500-रुपए रोगी को प्रतिमाह दिए जाना है सहायता राशि

500-रुपए रोगी चिह्नित करने वाले डॉक्टर्स को भी

28-डॉक्टरों को रोगी चिह्नित कराने के लिए दी जा चुकी है राशि

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ :

आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, काफी समय से खांसी या फिर बुखार आ रहा है, तो आपके घर पर आशा और हेल्थ वर्कर पहुंचेंगी। इतना ही नहीं वह डोर-टू-डोर पर पहुंचकर रोगियों के बारे में जानेंगी। वह आपके घर पर पहुंचकर कुछ पूछताछ भी करेंगी, जिसका आंसर भी देना होगा। यह अभियान जिला क्षय रोग हॉस्पिटल की तरफ से 7 से 17 जनवरी एक्टिव केस फाइडिंग के नाम से चलाया जा रहा है। इसमें आशा, हेल्थ वर्कर, एनजीओ के साथ निजी व्यक्तियों की भी हेल्प ली जा रही है। यह सभी वर्कर अभियान के तहत चिह्नित किए गए टीबी रोगियों को फ्री जांच और इलाज कराने की भी पूरी जानकारी देंगे।

गायब हो गए 28 सौ मरीज

सीएमओ डॉ। विनीत कुमार शुक्ल और जिला क्षय रोग अधिकारी एसके गर्ग ने बताया कि निजी डॉक्टर्स ने जो टीबी रोगियों की डिटेल दी है उसमें से अधिक से अधिक चिह्नित करना उनका लक्ष्य है। क्योंकि निजी डॉक्टर्स ने 2981 टीवी रोगियों की डिटेल विभाग को सौंपी थी वह मरीज चिह्नित नहीं हो पा रहे हैं। इसीलिए विभाग अब तक सिर्फ पौने दो सौ रोगी ही तलाश पाया है। जबकि यह सभी मरीज विभाग को दिसम्बर में ही चिह्नित हो जाने चाहिए थे। हालांकि इन रोगियों को चिह्नित करने के लिए विभाग अब एक्टिव केस फाइडिंग 10 दिवसीय अभियान चलाने जा रहा है, जिसके तहत पहले राउंड में हाई रिस्क जोन के कम से कम 19 प्रतिशत जनसंख्या को आच्छादित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पूरे डिस्ट्रिक्ट में 189 टीमों को लगाने के साथ एनजीओ की भी हेल्प ली गई है।

टीबी पर जीत के लिए 'जीत' का साथ

ज्ञात हो प्रदेश सरकार ने टीबी पर जीत के लिए 'जीत' प्रोजेक्ट एनजीओ से हाथ मिलाया है। जीत एनजीओ भी हेल्थ विभाग की टीबी रोगियों को तलाशने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे करेगा। ताकि कोई टीबी रोगी बगैर दवा और जांच के छूटने न पाए। विभाग ने इसके लिए डिस्ट्रिक्ट में तीन सीबी नॉट जांच मशीने लगाई हैं, जिसमें एक सीबी नॉट जांच मशीन मीरगंज में और दो डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में लगी हुई है। जिसमें फ्री जांच और सेंटर पर मुफ्त इलाज की सुविधा रोगी को मुहैया कराने के साथ मरीज चिह्नित कराने वाले को भी पांच सौ रुपए दिए जाते हैं।

5076 रोगियों को मिल रही सहायता राशि

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट के 5976 रोगियों के अकाउंट में 500 रुपए प्रतिमाह सहायता राशि दी जा रही है। जो रोगी बचे हैं उन्हें भी तलाश कर इलाज और सहायता राशि दी जाएगी।

Posted By: Inextlive