- जिला स्वास्थ्य समिति की मीटिंग में प्रस्ताव किया गया पारित

-बंद पड़े मिसिरपुर टीबी यूनिट को फिर से चालू करने का भी योजना

-सभी शहरी सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बलगम जांच के लिए हुए अधिकृत

टीबी जैसी गंभीर बीमारी को 2025 तक जड़ से खत्म करने को लेकर सरकार ने पूरी तरह से कमर कस ली है। टीबी मरीजों को हर संभव हर जगह जांच और इलाज की सुविधा मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सम्बंधित सुविधाओं का दायरा बढ़ा दिया है। अब टीबी के मरीजों को उन्हीं के क्षेत्र में जांच की सुविधा मिल जाएगी। एसएसपीजी हॉस्पिटल के बाद अब पांडेयपुर के डीडीयू हॉस्पिटल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आरोग्य केंद्र मंडुवाडीह में नई टीबी यूनिट खोलने को हरी झंडी मिल गई है।

सीडीओ ने दी मंजूरी

डीएम के प्रतिनिधि के तौर पर मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी की अध्यक्षता में हुई जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। यही नहीं बैठक में लंबे समय से बंद चल रहे मिसिरपुर टीबी यूनिट को एक बार फिर से चालू करने की भी मंजूरी दे दी गई है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। आरके सिंह ने बताया कि इन सबके व्यवस्था के अलावा शहरी क्षेत्र के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी टीबी मरीजों के बलगम जांच करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है।

मलिन बस्तियों पर फोकस

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मलिन बस्तियों और दूरदराज के टीबी मरीजों को अपने घर के आस-पास ही सारी सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर डिपार्टमेंट तेजी से काम कर रहा है। यही नहीं निक्षय पोर्टल टू के सुचारू रूप से काम शुरू कर देने से मरीजों के फालो-अप के साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार राशि प्रदान करने में भी मदद की जा रही है।

मरीजों को होगा फायदा

तीन नई यूनिट के काम शुरू होने के साथ ही शहर में कुल 18 टीबी यूनिट हो जाएंगी। डॉ। सिंह का कहना है कि इन इकाइयों के बढ़ जाने से टीबी मरीजों को जहां सहूलियत होगी वहीं अन्य यूनिट का लोड भी कम होगा, जिससे मरीजों की जांच और इलाज समय से शुरू हो सकेगा।

मंडलीय अस्पताल के साथ अब डीडीयू हॉस्पिटल में भी जांच की सुविधा की जा रही है। अब शहर में कुल 18 टीबी यूनिट हो जाएंगे।

डॉ। आरके सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी

Posted By: Inextlive