यहां तो टीबी के मरीजों के साथ सोते हैं बच्चे
- शासन के 2024 तक टीबी मुक्त भारत मिशन को स्वास्थ्य विभाग लगा रहा पलीता
- एमडीआर टीबी वार्ड में बिना मास्क बैठे रहते हैं तीमारदार और बच्चे बरेली : एक और शासन 2024 तक देश को टीबी मुक्त करने पर जोर दे रहा है, लेकिन जिला अस्पताल में शासन की इस मुहिम को जिम्मेदारों की लापरवाही से ही पलीता लग रहा है। संक्रामक रोग होने के बावजूद अस्पताल के एमडीआर टीबी वार्ड में तीमारदार बिना मास्क के ही पहुंच जा रहे हैं। इतना ही नहीं बच्चे भी मरीज के बेड पर ही बैठे खेलते रहते हैं, लेकिन न तो उन्हें वार्ड में जाने से रोका जा रहा है और न ही तीमारदारों को मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ऐसे में शासन की टीबी मुक्त भारत की मुहिम को ग्रहण लगता नजर आ रहा है। मिलती है सिर्फ दाल-रोटीएमडीआर यानि मल्टीपल ड्रग रजिस्टेंस श्रेणी के टीबी मरीजों के लिए हाई प्रोटीन दिए जाने का नियम है। इसमें इन्हें नियमित खाने के अलावा अंडा और दूध भी दिया जाना चाहिए, लेकिन वार्ड में एडमिट मरीजों की मानें तो सुबह और शाम उन्हें केवल दाल रोटी ही दी जाती है।
इंसेट बाथरूम में लगे हैं कूड़े के ढेरविभागीय नियमों की बात करें तो टीबी वार्ड के आसपास भी गंदगी नहीं होनी चाहिए। लेकिन यहां नियम कागजों तक ही सीमित हैं। टीबी वार्ड में प्रवेश करते ही भयानक दुर्गध आती है। वहीं वार्ड में बने बाथरूम की तो कई महीनों से सफाई न होने से जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।
इंसेट इन बातों का रखे ख्याल :: 1. टीबी वार्ड में प्रवेश करने से पहले मुंह पर सर्जिकल मास्क लगा होना चाहिए। 2. टीबी से ग्रसित मरीज से लगभग 3 मीटर की दूरी से बात करनी चाहिए। 3. 10 साल से कम उम्र के बच्चे को मरीज के संपर्क से दूर रखना चाहिए। इंसेट यह लक्षण हों तो तुरंत कराओ जांच । 1. पंद्रह दिनों से अधिक खांसी आना। 2. रुक-रुक कर बुखार आना, भूख न लगना 3. चिड़चिड़ापन रहना। 4. शरीर का लगातार गिरना मरीजों से बात यहां भर्ती हुए तीन दिन का समय हो गया है दोपहर में दाल रोटी मिलती है वहीं रात के दोबारा दे जाती है। कोई सुनने वाला नही है। जुबैर अहमद, रिछा, बहेड़ी।वार्ड में इतनी गंदगी है कि बहुत ही दुर्गध आती है यहां भर्ती हुए एक सप्ताह हो गया है एक बार सफाई होने के बाद यहां कोई झांकने तक नहीं आया।
गुल हसन, ज्यासपुर, नबावगंज। तीमारदारों से बात । 1. स्टाफ पूरी तरह से मनमानी करता है मरीज का हाल पूछते हैं तो बोलते हैं कि खुद जाकर पूछ लो। वार्ड में इतनी गंदगी है कि एक पल रुकना दूभर है। परवीन, रिछा, बहेड़ी। जो सुविधाएं मरीजों को दी जानी चाहिए यहां एक भी सुविधा नहीं है तीमारदार इतनी ठंड में खुले आसमान में रात गुजारते हैं, न मरीजों को समय पर दवाई दी जाती और न ही खाना। अब्दुल रशीद, गिरधरपुर। टीबी के मरीजों को समय से खाना दिया जा रहा है अगर वार्डो में गंदगी है तो निरीक्षण कराकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी। स्टाफ तीमारदारों को मास्क क्यों नहीं दे रहा है इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। डॉ। केएस गुप्ता, एडीएफआईसी।