RANCHI: सिटी के टीडीएस डिफाल्टर अब आयकर विभागके रडार पर हैं। विभाग की रांची टीम ने सिटी के टॉप टीडीएस डिफाल्टर की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इस लिस्ट में बैंकों के साथ-साथ कई नामी संस्थान, स्कूल, कॉलेज समेत सिटी के बड़े आर्गेनाइजेशन शामिल हैं। इन लोगों ने कर्मियों से टीडीएस की राशि काटी तो है लेकिन उसे विभाग में जमा नहीं कराया। विदित हो कि आयकर विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर टीडीएस घोटाले का पर्दाफ ाश किया है। इस घोटाले में देश की करीब 447 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 3200 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। कर्मचारियों के वेतन से कंपनियों ने टीडीएस के नाम पर पैसा तो काट लिया लेकिन उसे सरकारी खाते में जमा कराने के बजाय अपने बिजनेस में लगा दिया। आयकर विभाग ने अब अपने वेरिफिकेशन सर्वे में यह घपला पकड़ा है। आयकर एक्ट तथा आपराधिक कानूनों के तहत इन कंपनियों पर केस दर्ज कराए जा रहे हैं। कुछ कंपनियों के खाते अटैच करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

100 फीसदी पेनाल्टी की तैयारी

विदित हो कि टीडीएस जमा नहीं करने संबंधी नोटिस का जवाब करीब 30 फ सदी संस्थानों द्वारा ही दिया गया। इनमें कितने लोगों ने रकम जमा करवा दी है यह स्थिति दिसंबर में साफ होगी। सिटी के अन्य संस्थानों में टीडीएस न्यूनतम दो हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक बकाया है। टीडीएस काटने के बाद भी विभाग में जमा नहीं करने वालों पर कुल टैक्स का सौ फ सदी पेनाल्टी लगेगा।

कई बड़ी मछलियां भी हैं शामिल

कर्मचारियों से काटे गए करोड़ों रुपए के टीडीएस को व्यवसायियों ने अपने ही बिजनेस में निवेश कर दिया। इनमें प्रोडक्शन हाउस से लेकर इन्फ्र ा कंपनियों के मालिक तक शामिल हैं। हाल ही में किए गए वेरिफि केशन सर्वे में ऐसे 447 केस सामने आए हैं। कंपनियों ने कर्मचारियों के टीडीएस के 3200 करोड़ रुपए काटे लेकिन उसे सरकार के खाते में जमा नहीं करवाया। यह आंकड़ा अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक का है।

7 साल की सजा संभव

आयकर विभाग की टीडीएस शाखा ने इन कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इनकम टैक्स एक्ट के तहत इन मामलों में तीन महीने से लेकर जुर्माने के साथ 7 साल तक की सजा हो सकती है। आरोपी कंपनियों और मालिकों के खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन 276बी के तहत कार्रवाई की तैयारी है। आयकर विभाग आईपीसी की धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक मामले भी दर्ज कर सकता है। इस घोटाले में एंप्लॉयीज के साथ धोखा किया गया है, इसलिए आईपीसी की धाराएं भी लगाई जाएंगी।

कर्मचारी को भी परेशानी

अगर कोई कंपनी किसी कर्मचारी का टीडीएस काट ले और उसे सरकार के पास जमा न कराए तो कर्मचारी को कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। रिटर्न दाखिल करने को टीडीएस आसान बनाता है। अगर टीडीएस जमा न हो तो आयकर विभाग की वेबसाइट दिखाएगी की आपने अभी तक टैक्स जमा नहीं कराया है। इसका मतलब है कि या तो विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई करेगा या फिर आपको टैक्स अपनी जेब से दोबारा देना होगा।

शुरू हुआ अवेयरनेस ऑपरेशन

इनकम टैक्स विभाग की टीडीएस विंग ने शुक्रवार को सिंडीकेट बैंक में सेमिनार का आयोजन कर अवेयरनेस ऑपरेशन शुरू किया। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से ज्वाइंट कमिश्नर एसबी शर्मा के नेतृत्व में संजीव चौरसिया, हिमांशु मिश्रा, अजय कुमार तथा बैंक के तरफ से रीजनल मैनेजर सुरेन्द्र कुमार दास, मैनेजर विजय कुमार सिंह, अविनाश कुमार समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए।

Posted By: Inextlive